अफसरों का कारनामा: दो लाख खर्च कर पहले सार्वजनिक शौचालय बनाया, अब निजूल की जगह बताकर तोडऩे की तैयारी

भरतपुर/पहाड़ी. भ्रष्टाचार के कारण जिलेभर में सुर्खियों में रही पहाड़ी पंचायत समिति के दो तकनीकी सहायक हाल ही में एसीबी के हत्थे चढ़ चुके हैं। अभी ये मामले ठंडे भी नहीं हुए थे कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत पहाड़ी में बीज गोदाम के समीप नवनिर्मित सार्वजनिक शौचालय की जमीन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। अफसरों ने पहले जिस जमीन पर शौचालय बनाने की स्वीकृति जारी कर दी। जब करीब 1.84 लाख रुपए खर्च कर आमजन को शौचालय बनाकर खड़ा कर दिया गया है। अब इसे तोडऩे की तैयारी शुरू कर दी गई। तर्क दिया जा रहा है कि शौचालय का निर्माण जिस जमीन पर हुआ, वह निजूल की सम्पत्ति है, जो सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन आती है, ऐसे में यहां ग्राम पंचायत शौचालय का निर्माण नहीं कर सकती। इस पूरी कागजी उठापटक में अफसरों को आइना दिखाने वाले पहाड़ी ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी पर निलंबन की गाज भी गिर चुकी है, उसका दोष केवल यह था कि निर्माण के बाद शौचालय तोडऩे के आदेश देने वाले अफसरों को उसने निर्माण में खर्च हुई राशि की क्षतिपूर्ति के लिए

न्यायालय तक जाने के लिए चेता दिया था।

जिला स्वच्छता मिशन जिला परिषद भरतपुर की ओर से नवम्बर 2019 में पहाड़ी पंचायत समिति के अधीन आने वाली 20 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी। निर्माण की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति विकास अधिकारी पंचायत समिति पहाड़ी से तकनीकी स्वीकृति के प्रस्ताव के आधार पर जारी की गई। शौचालय निर्माण में अनुमानित लागत दो लाख रुपए आनी थी, जिसके लिए एसबीएम मद से 1.80 लाख रुपए व ग्राम पंचायत से एफएफसी योजना/ जनसहयोग से 20 हजार रुपए जमा कराए गए थे। इसकी निर्माण एजेंसी का जिम्मा भी ग्राम पंचायतों को दिया गया। इसके तहत पहाड़ी कस्बे में बीज गोदाम के समीप सार्वजनिक शौचालय का निर्माण 29 फरवरी को शुुरु करा दिया गया। इस पर कुल एक लाख 84 हजार 920 रुपए की लागत आई।

उपयोग में लेने का वक्त आया तो तोडऩे की तैयारी शुुरू

शौचालय निर्माण के बाद जब इसका उपयोग करने का समय आया तो सरकारी सिस्टम में एक नया कागजी युद्ध शुरू हो गया। विकास अधिकारी ने मई माह में ग्राम पंचायत पहाड़ी को पत्र लिखकर अवगत कराया कि उन्हें सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग पहाड़ी की ओर से एक पत्र मिला है, इसमें सार्वजनिक शौचालय का निर्माण निजूल की जमीन पर होना बताया गया है। पत्र में विकास अधिकारी ने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगते हुए स्पष्ट लिखा कि तीन दिन में या तो स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें अन्यथा सार्वजनिक शौचालय का निर्माण अतिक्रमण की गई जमीन पर मानते हुए निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

ग्राम पंचायत और विकास अधिकारी आए आमने-सामने

इस मामले में पहाड़ी ग्राम पंचायत की ओर से विकास अधिकारी को 14 मई को लिखे गए पत्र में बताया कि जहां शौचालय का निर्माण किया गया है, उसकी स्वीकृति पूर्व सरपंच ने ग्राम सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार स्वीकृत स्थान पर ही की गई है। यह जमीन पंचायत की आबादी क्षेत्र की है। जमीन के पट्टे के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं हैं। शौचालय के निर्माण से ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष को कोई आपत्ति नहीं है। न ही समिति के कार्यालय व बीज गोदाम को इससे कोई नुकसान हो रहा है। इसके बाद 29 मई को ग्राम पंचायत की ओर से स्पष्टीकरण पत्र विकास अधिकारी को लिखा गया। इसमें बताया गया कि शौचालय का निर्माण मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद भरतपुर की सक्षम स्वीकृति के बाद किया गया है। अब निर्माण स्थल को निजूल की जगह बताकर इसे ध्वस्त करने के जो आदेश दिए जा रहे हैं उसके संबंध में पटवारी की रिपोर्ट भेजकर बता दिया गया है कि उक्त जमीन आबादी भूमि में है। यदि इसके बाद भी इसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाती है तो ग्राम पंचायत पहाड़ी इसके खिलाफ न्यायालय में जाएगी।

पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी पर गिर गई गाज

ग्राम पंचायत के इन दो स्पष्टीकरणों के बाद विकास अधिकारी ने बिना कोई चार्जशीट दिए सीधे ही पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी देवेन्द्र यादव को निलम्बित करने के आदेश जारी कर दिए। इस पूरे मामले में यह साफ है कि जिस जगह पर शौचालय बनाया गया है वहां कई सालों से बीज गोदाम बना हुआ है और जमीन आबादी क्षेत्र में ही है। यदि फिर भी यह मान लिया जाए कि उक्त जमीन निजूल की थी और इस पर सार्वजनिक निर्माण विभाग का हक था तो इस पर संबंधित विभाग पहले क्यों नहीं चेता। या फिर जिन अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव जिला परिषद तक भिजवाया उन्होंने इसकी जांच निर्माण होने से पहले क्यों पूरी नहीं की। जो अब इस पर 1.84 लाख रुपए खर्च होने के बाद इसे तोडऩे के लिए तत्परता दिखा रहे हैं।

-शौचालय का निर्माण हमने करवाया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग व एसडीएम के यहां से हमें नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसलिए शौचालय के कार्य पूर्ण प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।
राजीव जैन
विकास अधिकारी एवं एईएन पंचायत समिति पहाड़ी

-जिस जमीन पर निर्माण किया गया है वह निजूल की है, इसलिए नोटिस दिया गया है। इस मामले में अधिक जानकारी एसडीएम साहब देंगे।
नवीन आनंद
एईएन सार्वजनिक निर्माण विभाग कामां

-पूर्व सरपंच के समय जिस भूमि पर प्रस्ताव लिया गया था वहीं शौचालय का निर्माण कराया गया है। कनिष्ठ तकनीकि सहायक ने जांच कर माप पुस्तिका जारी कर दी है लेकिन इंचार्ज विकास अधिकारी परेशान करने की नियत से कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी भी आबादी की जमीन को अपना बता रहा है। विकास अधिकारी ने बिना चार्जसीट दिए सचिव को निलम्बित कर दिया है।
संता देवी गुर्जर सरपंच ग्राम पंचायत पहाड़ी

-खसरा नंबर 1993 जो बड़ा नंबर हैं, यह पहाड़ी गांव की आबादी में हैं। इसमें ही शौचालय का निर्माण किया गया है।
जीतेन्द्र सिंह हल्का पटवारी पहाड़ी



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/now-preparing-to-break-it-by-telling-nijul-s-place-6213813/

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