तीन बार बदला प्रदर्शन का स्थान, भाजपा की खिलाफत में भी दो धड़ों में बंटे नजर आए कांग्रेसी

भरतपुर. प्रदेश में हो रही कांग्रेस की गुटबाजी का असर अब जिले में देखने को मिल रहा है। जहां कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर सुबह से ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलता रहा तो खुद प्रदर्शन और बैठक के दौरान कांग्रेस का एक धड़ा नजर ही नहीं आया। बल्कि कार्यकर्ता भी विधायक व मंत्री के गुट के रूप में बंटते नजर आए। बैठक में राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी भी समर्थन करने पहुंच गए। पिछले दो सप्ताह के दौरान ऐसा दूसरी बार है कि इस राजनैतिक दल ने मुख्यमंत्री अशोक व कांग्रेस का समर्थन किया है। पहले प्रदर्शन का स्थान सुबह साढ़े 10 बजे कलक्ट्रेट के सामने तय किया गया था। उसके बाद बिजलीघर चौराहे पर निर्धारित किया गया। इसके बाद ऐनवक्त पर एक होटल में बैठक कर राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से एक होटल में बैठक की गई। बैठक में वक्ताओं ने राजस्थान के राज्यपाल से मांग की कि राजस्थान की कांग्रेस अशोक गहलोत की सरकार जिसको पूर्ण बहुमत प्राप्त है। सरकार के मंत्री मण्डल की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति चाही गई है लेकिन संवैधानिक पद पर होने के उपरान्त भी कांग्रेस सरकार को सत्र बुलाने की अनुमति देने में आनाकानी की जा रही है। धरना प्रदर्शन के उपरान्त राज्यपाल को उपस्थित कांग्रेसजनों ने अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश मालव के माध्यम से ज्ञापन दिया। अध्यक्षता श्रीभगवान कटारा ने की।

प्रदर्शन में यह कार्यकर्ता व पूर्व पदाधिकारी रहे मौजूद

प्रदर्शन में पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. गोविन्द शर्मा, निवर्तमान शहर अध्यक्ष संजय शुक्ला, निवर्तमान सेवर ब्लॉक अध्यक्ष सतीश सोगरवाल, राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष संतोष फौजदार, पूर्व विधायक निर्भय जाटव, श्याम सिंह गुर्जर, निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष श्रीचंद गौड़, प्रशंात उपाध्याय, रमेश पाठक, ज्ञानेश शर्मा, चौधरी अकतर हुसैन, राजीव सिंह कुम्हेर, धर्मेन्द्र शर्मा, चुन्नी कप्तान, सहाब सिंह, श्यामलाल नगर, ब्रह्मानन्द दाढ़ीवाला, विष्णुदत्त शर्मा, राजेन्द्र सारस्वत, प्रेमचन्द शर्मा, पार्षद दाऊदयाल जोशी, ओमवीर, अशोक लवानियां, मनोज शर्मा, रघुवीर सिंह, बबलू खैमरा, राकेश होल्कर, नरेश लवानियां, दीपेन्द्र सिंह, विभूतिराम अमवेष, योगेश सिंघल, यूथ कांग्रेस के विनीत पाल सिंह, सौरभ सोलंकी, भवानीशंकर शर्मा, विधि प्रकोष्ठ महाराज सिंह सिनसिनवार, राजेश मित्तल, आशु गर्ग, चन्द्रभान फौजदार, डॉ. लोकपाल सिंह, अभिषेक तिवारी, चन्द्रकेश राजावत, जगदीश बनर्जी, सुरेश मदेरणा, सुमन गोयल, लोकेश सोगरवाल, विजय सिंह चौधरी, मनीष आदि उपस्थित थे।

यह वरिष्ठ नेता नहीं आए धरना-प्रदर्शन में नजर

धरना-प्रदर्शन में नगर निगम के मेयर, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं नगर निगम के डिप्टी मेयर गिरीश चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष शेरसिंह सूपा, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रहे डॉ. सुरेश यादव, पूर्व सांसद रतन सिंह, आदित्यराज शर्मा, रमेश धावई, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम इंद्रजीत भारद्वाज नजर नहीं आए। हालांकि नगर निगम के डिप्टी मेयर ने किसी कार्य से जयपुर होने की बात कही तो बाकी ज्यादातर कांग्रेसियों ने प्रदर्शन की सूचना व स्थान के बारे में किसी के नहीं बताने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहले कलक्ट्रेट का स्थान प्रदर्शन के लिए चुना गया था, जो कि समाचार पत्रों में पढऩे के बाद जानकारी की तो वहां प्रदर्शन नहीं हुआ था। स्थान बदलाव के बारे में भी उनके पास किसी ने सूचना नहीं दी।

जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में सक्रिय हुए दोनों ही गुट

अब जिले में कांग्रेस की बात करें तो जिला कांग्रेस के दो गुट सक्रिय हो चुके हैं, एक गुट सचिन पायलट समर्थित रहा है तो दूसरा गुट गहलोत समर्थक। इसमें भी खास बात यह है कि खींचतान के बीच एक गुट डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह के समर्थन में रहता आया है। ऐसे में दूसरे गुट ने जिलाध्यक्ष पद के लिए दौड़ शुरू कर दी है। जब तक कांग्रेस की ओर से प्रदेश में चल रही जोड़-तोड़ का नतीजा नहीं निकाला जाता, तब तक जिलाध्यक्ष बनना असंभव है, परंतु दूसरे गुट ने अभी से सक्रियता दिखाकर खुद को मजबूत कांग्रेसी दिखाने का अभियान भी शुरू कर दिया है।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/in-the-khilafat-of-the-bjp-the-congress-was-divided-into-two-factions-6295413/

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