इनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट...
भरतपुर. निजी शिक्षक महासंघ ने सोमवार को जिला कलक्टर व डीईओ को ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत कराया। जिलाध्यक्ष करतार सिंह चौधरी ने बताया कि कोरोना बीमारी के संकट दौर में निजी शिक्षक दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। मुख्य मांगों में निजी शिक्षकों के वेतन विसंगतियों को दूर करने, अति शीघ्र बकाया और लॉकडाउन वेतन की मांग, उनके वेतन ऑनलाइन बैंक खातों के माध्यम से देने, पीएफ की कटौती, लॉकडाउन की अवधि में किसी भी स्कूल शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया जाए, सभी शिक्षकों को 12 माह का वेतन सुनिश्चित करें, सरकारी अध्यपकों के ट्यूशन पर रोक लगे। प्रदेश सचिव लोकेश पूनिया ने कहा कि यदि हमारी मांगोंको नहीं माना गया तो आंदोलन किया जाएगा। जिला उपाध्यक्ष रामभजन शर्मा ने न्यूनतम वेतन तय किए जाने का मुद्दा उठाया। प्रतिनिधिमंडल में जिला सचिव अनूप वाल्मीकि, बबलू फौजदार कुम्हेर, अजीत सिंह कामां, हरिचरण इंदौलिया उच्चैन, उमेश चंद, भूपेंद्र ठाकुर, बच्चू सिंह रुदावल, नाहर सिंह धाकड़ वैर, विनोद बुटालिया, तरुण कुमार, जितेंद्र सोनी, पुष्पेंद्र सैनी, अर्जुन धाकड़, अजयवीर सिंह, देवेंद्र कुमार, निकेश फौजदार, दौलत राम आदि शामिल थे।
47 गांवों की पेयजल योजना स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
भरतपुर. जिला जल एवं स्वच्छता मिशन समिति की प्रथम जिला स्तरीय बैठक जिला कलक्टर नथमल डिडेल की अध्यक्षता में सोमवार को उनके कार्यालय कक्ष में हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2024 तक घर-घर जल कनेक्शन योजना के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण एवं स्वच्छ जल पहुंचाने के मिशन को समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि स्वीकृत पेयजल योजना के तहत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के वंचित नवीन कॉलोनियों को भी इस योजना से जोड़कर लाभान्वित कराएं। उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना के तहत पेयजल योजना समय पर तैयार कर स्वीकृत कराएं। बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियंता हेमन्त कुमार ने जल एवं स्वच्छता मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2024 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत वर्ष 2020-21 में जिले के 218 गांव चयनित किए गए हैं इनमें से 17 गांव की पेयजल योजना स्वीकृत हो चुकी है तथा 47 गांव की पेयजल योजना स्वीकृति के लिए भिजवाई जा रही हैं। इस योजना के तहत केन्द्र एवं राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रहेगी। बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. अंकित यादव, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नगेश कुमार, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चम्बल परियोजना के अधिशाषी अभियंता लियाकत अली, एसीएमएचओ डॉ. असित श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
source https://www.patrika.com/bharatpur-news/the-crisis-of-livelihood-in-front-of-his-family-6300038/
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