अब भी जनरेट हो रहे 55 से 60 टन तक के ई-रवन्ना, पत्र भेजकर भूले अधिकारी

भरतपुर. ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का मामला अब भी परिवहन विभाग व खनि विभाग के बीच उलझा हुआ है। जहां एक विभाग पत्र भेजकर इतिश्री कर चुका है तो दूसरा विभाग जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ चुका है। यह पहला मामला नहीं है कि जब अधिकारी ओवरलोड के खिलाफ कार्रवाई करने के पीछे एक-दूसरे को तर्क दे रहे हैं। इससे पहले भी यह मामला रसूख के दबाव में उलझा ही रहता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 29 अगस्त के अंक में 'जिस गाड़ी से शहर में होता है एंटी लार्वा का छिड़काव, उसके नाम से जारी हो गया ई-रवन्नाÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। हकीकत यह है कि खनन क्षेत्रों में स्थित स्टोन क्रशर संचालकों की ओर से फर्जी ई-रवन्ना जनरेट कर ओवरलोड माल भरा जा रहा है। इसकी सूची भी परिवहन विभाग के पास पहुंच चुकी है। विभाग ने खनिज विभाग को ऐसे स्टोन क्रशरों की सूची भेजने के लिए भी पत्र लिखा है, लेकिन अभी यह सूची भी विभाग को नहीं मिल पाई है।
जानकारी के अनुसार वाहन में माल लादने के बाद ई-रवन्ना काटा जाता है। जैसे ही ई-रवन्ना काटने की प्रक्रिया शुरू होती है तभी ई-रवन्ना का सॉफ्टवेयर वाहन-4 से इंटरलिंक होने के कारण लोडिंग वाहन का रिकॉर्ड मिलान करता है। यदि गाड़ी में तय क्षमता से अधिक माल भरा गया है तो तुरंत वाहन-4 सॉफ्टवेयर से संबंधित वाहन के स्वामी का चालान काट देता है। इसके बाद गाड़ी प्रदेश अथवा देश के जिस भी जिले के परिवहन कार्यालय में पंजीकृत होगी और परमिट जारी किया होगा, ई-चालान सीधे उस कार्यालय में पहुंच जाएगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग की ओर से संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर वाली गाड़ी के मालिक को नोटिस भेजा जाता है। ऐसे कुछ मामले सामने निकल कर आए हैं कि जहां स्टोन क्रशर से 55 से 60 टन माल के ई-रवन्ना जारी किए गए हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उनको नोटिस जारी कर जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जा रही है।

बड़ा सवाल...आखिर कौन दर्ज कराएगा एफआइआर

एक दिन पहले यह मामला सामने आने के बाद एसएमई ने संबंधित स्टोन क्रशर को सील करने का दावा किया है, लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि जब नियम के अनुसार ऐसा मामला सामने आने पर एफआइआर दर्ज कराया जाता है तो अब इस कार्रवाई को क्यों नहीं किया गया। क्या खुद दोनों ही विभाग दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं है तो अब दोनों ही विभाग के अधिकारी चुप्पी क्यों साधकर बैठे हैं। चूंकि अभी तक दोनों ही विभाग यह तक तय नहीं कर पाए हैं कि आखिर एफआइआर कौन दर्ज कराएगा।

-खनिज विभाग से क्रशरों की सूची आने के बाद उनको नोटिस जारी किए जाएंगे। पहले चरण में एक अगस्त से 24 अगस्त तक ई-रवन्ना में अंकित विवरण अनुसार अत्यधिक ओवरलोड परिवहन करने वाले 324 से अधिक वाहनों के स्वामियों को नोटिस दिए हैं। प्रत्येक वाहन पर 50 से 60 हजार रुपए का जुर्माना बनता है। इसके साथ ही वाहनों को पोर्टल पर लॉक भी किया जा रहा है। अब 31 अगस्त तक ऐसे सभी वाहनों को नोटिस दिए जाएंगे।
राजेश शर्मा
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी
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source https://www.patrika.com/bharatpur-news/forgotten-officer-by-sending-letter-6372378/

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