अफसरों के पास है ओवरलोड वाहनों के साक्ष्य, फिर भी साधी चुप्पी

भरतपुर. भले ही राज्य सरकार की ओर से कितने भी सॉफ्टवेयर बनाकर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का प्रयास किया जाए, लेकिन यह सब बगैर अधिकारियों की स्वीकृति के फेल होकर रह जाता है। यही कारण है कि एक माह के अंदर खुद परिवहन विभाग के पास 230 ओवरलोड वाहनों के साक्ष्य आ चुके हैं। इसमें से ज्यादातर वाहनों के रजिस्ट्रेशन स्थानीय या अन्य जिलों के हैं। हालांकि ओवरलोड वाहन सर्वाधिक बयाना, भुसावर, रूपवास व पहाड़ी के खनन क्षेत्रों के बताए गए हैं। ऐसे में अब विभाग ने इन सभी वाहन मालिकों को नोटिस भेजकर कार्रवाई शुरू की है।
विभागीय अफसरों के अनुसार वाहन में माल लादने के बाद ई-रवन्ना काटा जाता है। जैसे ही ई-रवन्ना काटने की प्रक्रिया शुरू होती है तभी ई-रवन्ना का सॉफ्टवेयर वाहन-4 से इंटरलिंक होने के कारण लोडिंग वाहन का रिकॉर्ड मिलान करता है। यदि गाड़ी में तय क्षमता से अधिक माल भरा गया है तो तुरंत वाहन-4 सॉफ्टवेयर से संबंधित वाहन के स्वामी का चालान काट देता है। इसके बाद गाड़ी प्रदेश अथवा देश के जिस भी जिले के परिवहन कार्यालय में पंजीकृत होगी और परमिट जारी किया होगा, ई-चालान सीधे उस कार्यालय में पहुंच जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि वाहन-4 सॉफ्टवेयर में सभी कॉमर्शियल व्हीकल के पंजीकरण संख्या, मॉडल नंबर और भार क्षमता आदि पूरी जानकारी उपलब्ध है। साथ ही बार-बार ओवरलोडिंग होने पर गाड़ी की आरसी और चालक का ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। अब हकीकत की बात करें तो इस सॉफ्टवेयर से कार्य शुरू होने के बाद भी ओवरलोड पर कोई अंकुश नहीं लग सका है। चूंकि अधिकारी भी मानते हैं कि रसूख के दबाव में यथोचित कार्रवाई ही नहीं हो पाती है।

पहले ही मिल जाती है माफिया गिरोह को टीम की सूचना

जब कभी जिला प्रशासन व सरकार का दबाव पडऩे पर परिवहन विभाग की ओर से ओवरलोड के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाती है तो उसमें ज्यादातर तो वर्षभर के लक्ष्य पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। चूंकि खनन क्षेत्रों में जब भी परिवहन विभाग की टीम पहुंचती है तो टीम के आने की सूचना माफिया गिरोह को पहले ही मिल जाती है। इससे कार्रवाई भी अधूरी रह जाती है। पिछले कुछ माह के दौरान ऐसा कई बार हुआ है। इतना ही नहीं मेवात में तो पिछले लंबे समय से कथित एक ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से ओवरलोड वाहन चलाने के लिए कूपन सिस्टम तक का उपयोग किया जा रहा है। इसकी जानकारी परिवहन विभाग के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी है, लेकिन कार्रवाई कभी नहीं की गई है।

अधिकारियों ने भी माना...ओवरलोड को लेकर माफिया सक्रिय

खुद परिवहन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि जिले में खनन क्षेत्रों में ओवरलोड को लेकर माफिया सक्रिय है। जैसे ही टीम कार्रवाई करने के लिए पहुंचती है तो वहां चालक ट्रक को छोड़कर भाग जाते हैं। इसके अलावा कार्रवाई की सूचना तक उन्हें पहले ही मिल जाती है। कुछ जगह तो विरोध का भी सामना करना पड़ जाता है।

-230 वाहन स्वामियों को नोटिस भेजे गए हैं। प्रक्रिया के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। विभाग ओवरलोड वाहनों के खिलाफ यथासंभव कार्रवाई कर रहा है।
राजीव चौधरी
जिला परिवहन अधिकारी



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/officers-have-evidence-of-overloaded-vehicles-yet-still-remain-silent-6366830/

Comments

Popular posts from this blog

...कैबीनेट मंत्री की फर्जी डिजायर से भरतपुर की राजनीति में बड़ा भूचाल

हवा भरने वाले कम्प्रेशर में ऐसा ब्लास्ट, करीब 60 फीट दूर जाकर गिरा दुकानदार, मौत

भाजपा की नैया पार लगाने को तैयार किए जाएंगे पन्ना प्रमुख