आखिर मंत्री ने क्यों कहा...अपराधियों से मिली है स्थानीय पुलिस

भरतपुर. शहर में पिछले कुछ समय से बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने मेडिकल कॉलेज में हुई बैठक में बयान दिया। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से सभी अधिकारियों के सामने कहना चाहूंगा कि स्थानीय पुलिस अपराधियों से मिली हुई है। आज भी दो एसपी के नाम मुझे बहुत अच्छी तरह से याद रहते हैं।
उन्होंने कहा कि भरतपुर, धौलपुर, करौली का क्राइम कुछ अलग तरह का है। यहां की तुलना सीकर, चूरू, झुंझुनूं से नहीं की जा सकती है। तत्कालीन एसपी विकास कुमार व राहुल प्रकाश के नाम आज भी याद किए जाते रहे हैं। यहां कुछ स्वतंत्र तरीके का क्राइम अधिक होता है। अखबार पढ़ रहा था तो पता चला कि भरतपुर एकदम चोरी की वारदात बढ़ रही है। शहर में दुकानों व कॉलोनियों में ताले टूटने की वारदात हो रही हैं। उन्होंने एसपी डॉ. अमनदीप कपूर से कहा कि आप एक बार देख लें। अगले दो महीने में आप भी सबकुछ जान जाएंगे। स्थानीय पुलिस मिली हुई है और गांवों में कुछ लोग उनके एजेंट बने हुए हैं। राज्यमंत्री डॉ. गर्ग ने एसपी को निर्देश दिए कि जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में एंट्री प्वॉइंट्स पर नाइटविजन सीसीटीवी कैमरा लगवा कर जिले में बाहरी क्षेत्रों से आने वालों पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए तथा बीट प्रणाली दुरस्त करते हुए अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। इससे पहले पीएचईडी के अधिकारियों से पूछा कि जेईएन गांवों में नहीं जाते हैं। पिछली बार बैठक की थी तो उसमें भी कहा था कि प्रतिदिन रिपोर्ट लिया करें। तीन-चार दिन तक आम आदमी परेशान हो रहा है। 15 दिन बाद जब अगली बैठक की जाएगी तो उसमें फिर रिव्यू किया जाएगा। चम्बल परियोजना के कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिसम्बर तक कार्य पूरा कर शेष रहे गांवों तक पानी पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के 13 गांवों में स्वीकृत जल जीवन योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति सात दिन में जारी कर निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए आरओ प्लांट्स की नियमित जांच की जाए कि ये प्लांट्स ठीक से काम कर रहे हैं अथवा नहीं। डॉ. गर्ग ने रीको क्षेत्र में एलसी.38 तथा भरतपुर-चितोकरी रोड पर एलसी.239 पर स्वीकृत रेलवे ओवरब्रिज की डीपीआर के बारे में भी जानकारी ली तथा रेलवे से आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्र प्राप्त कराने के निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर नथमल डिडेल, जिला परिषद सीईओ डॉ. अमित यादव, नगर निगम आयुक्त नीलिमा तक्षक, नगर विकास न्यास के सचिव उम्मेदीलाल मीना, एडीएम सिटी डॉ. राजेश गोयल, एसडीएम संजय गोयल, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. कर्नल रजत श्रीवास्तव, सीएमएचओ डॉ. कप्तान सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवदीप सैनी, सेवर पंचायत समिति के विकास अधिकारी देवेन्द्र फौजदार आदि उपस्थित थे। बैठक के बाद मंत्री ने कुछ गांवों का दौरा किया व निवास पर समस्याओं को सुना।

आरबीएम अस्पताल में उपलब्ध कराएंगे हरेक चिकित्सा सुविधा

मंत्री ने कहा कि जिला आरबीएम अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार कर इसे सम्भाग स्तरीय बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। आमजन को आरबीएम अस्पताल से जो अपेक्षाएं हैं उन पर खरा उतरने के लिए अस्पताल के चिकित्सक एवं स्टाफ भी पूरे प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आरबीएम चिकित्सालय में 150 शय्याओं पर हाइपो ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम शुरू किया गया है तथा कोरोना पीडि़त गंभीर रोगियों के बेहतर एवं शीघ्र इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी शुरू कराई जाएगी। उन्होंने स्वीकृत कराई गई सोनोग्राफी मशीनें शीघ्र मंगवाए जाने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती हैए उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र तैयार की जाए ताकि शोक संतप्त परिजनों को इंतजार नहीं करना पड़े।

एलसी 38 पर ओवरब्रिज के लिए भेजी डीपीआर

बैठक के दौरान अधीक्षण अभियन्ता सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अवगत कराया कि एलसी.38 पर प्रस्तावित आरओबी के लिए रेलवे की टीम के साथ संयुक्त रूप से निरीक्षण का कार्य पूर्ण कर जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग जीएडी स्वीकृति के लिए रेलवे के आगरा कार्यालय को भिजवा दी गई है। साथ हीए 71 करोड़ रुपए की अंतरिम डीपीआर बनाकर राज्य सरकार को भिजवा दी गई है। इसी प्रकारए एलसी.239 की जीएडी रेलवे से स्वीकृति के लिए भेजी गई है।

आखिर राज्यमंत्री ने क्यों लिया तत्कालीन दो एसपी का नाम

1. विकास कुमार भरतपुर में वर्ष 2011 से 2012 तक एसपी रहे। उनका कार्यकाल आज भी आमजन याद रखता है। उनके समय में अपराध का ग्राफ कम ही नहीं हुआ था बल्कि जिले से अपराधियों ने दूरी तक बना ली थी।

2. राहुल प्रकाश करीब वर्ष 2014 से 2016 तक भरतपुर में एसपी रहे, उनका कार्यकाल भी काफी हद तक अच्छा रहा था। चूंकि उस समय कई बड़े केसों में तुरंत खुलासा किया गया था। साथ ही मुखिबर तंत्र मजबूत होने के कारण मदद मिली थी।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/local-police-met-criminals-6356843/

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