साल के 365 दिन में से 60 दिन शुद्ध लिए युद्ध, मतलब बाकी दिन खाते रहें अशुद्ध

भरतपुर. जिले में राज्य सरकार के आदेश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासनिक टीम की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभियान की हकीकत खुद विभाग के आंकड़े ही बता रहे हैं कि साल के 365 दिन में से सिर्फ 60 दिन यह अभियान चलाया जाता है। होली, दीपावली, रक्षाबंधन पर ही शुद्ध के लिए युद्ध लड़ा जाता है, मतलब यह है कि क्या इन्हीं दिनों में की कार्रवाई से बाजार में सभी खाद्य पदार्थ शुद्ध मिलते रहते हैं या मिलावटखोरों को बाकी दिन मिलावट की छूट रहती है। नियमों की उलझन के कारण यह अभियान मजाक बना रहता है। उल्लेखनीय है कि हाल में ही दीपावली पर्व को देखते हुए राज्य सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का आगाज किया है। जानकारी के अनुसार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत यह अभियान पिछले पांच सालों में दीपावली, होली, रक्षाबंधन, ग्रीष्म ऋतु में खाद्य विभाग की ओर से चलाया जाता है। इसके अलावा कुछ विशेष दिनों में भी यह अभियान चलाया जाता है। इस वर्ष कोरोना की वजह से यह अभियान ग्रीष्मकालीन ऋतु में नहीं चलाया गया। दीपावली पर 20 दिन, होली पर 15 दिन, रक्षाबंधन पर 10 दिन, ग्रीष्म ऋतु में 15 दिन चलता है। एक साल में कुल मिलाकर 60 दिन यह अभियान चलाया जाता है। ज्यादातर त्यौहारों के आसपास ही इस अभियान को लेकर सैंपल लिए जाते हैं।

सालों से चल रही फैक्ट्री, अब जाकर आई याद

27 अक्टूबर को प्रशासन ने सूचना मिलने पर टीम भेजकर ऊंचा नगला स्थित आइसकेंडी गोदाम पर छापा मारा था। जहां ड्रमों में भरा बर्फ बना दूध मिला था। करीब तीन हजार लीटर दूध नष्ट कराया गया था। इस मामले में भी आश्चर्य की बात यह है कि जहां संबंधित विभाग हर साल कार्रवाई का दम भरता है तो यहां अब तक विभाग ने आने में देरी क्यों की। हकीकत यह है कि जानकारी के बाद भी विभाग के अधिकारी यहां पहुंचने से कतराते हैं। चूंकि मिलावट का खेल लंबे समय से चल रहा है। मेवात में ही करीब दर्जनों डेयरियों पर सिंथेटिक दूध, मावा, पनीर दूसरे राज्यों को बड़ी मात्रा में भेजा जा रहा है। स्थानीय स्तर पर इस कारोबार की जहर का नाम दिया जाता है। यहां कार्रवाई भी होती है, लेकिन छिटपुट कार्रवाई के बाद फिर से बड़े पैमाने पर कारोबार शुरू कर दिया जाता है। कुछ माह पहले ही मेवात के ही एक विधायक ने इस प्रकरण की शिकायत भी जिला प्रशासन से की थी। इसमें एक विभाग पर मिलीभगत का आरोप भी लगाया गया था। शहर समेत जिलेभर में कुछ स्थानों पर तो रसूख के दबाव में कार्रवाई भी दिखावा बनकर रह जाती है।

जानिए ऐसे कर सकते हैं मिलावटखोरी की शिकायत

जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि अभियान अवधि के दौरान मिलावटखोरों के विरूद्ध सूचना देने वालों की सूचना सही पाई जाने पर राज्य सरकार की ओर से 51 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने का भी प्रावधान है। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम एवं पहचान पूर्णत: गोपनीय रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभियान के सुचारू संचालन के लिए जिला कलक्ट्रेट के हेल्पलाइन कक्ष में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। इसके प्रभारी जिला रसद अधिकारी प्रथम हिम्मत सिंह रहेंगे। जिनका मोबाइल नम्बर 9414292906 है। हेल्पलाइन कक्ष का दूरभाष नम्बर 05644-220320 रहेगा।

एडीएम करते हैं तय कहां जाएगी टीम

हालांकि इस बार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर खास तैयारी की गई है। टीम को खुद एडीएम व गठित कमेटी बताती है कि किस दिन कहां जाकर कार्रवाई करनी है। चूंकि अब टीम मनचाहे स्थान पर जाकर सैंपल लेकर खानापूर्ति करती थी। इससे काफी हद तक गोपनीयता भी कायम रखी जा सकी है। पिछले कुछ सालों के दौरान कई कार्रवाई की सूचना पहले ही लीक होने के कारण मेवात इलाके से टीम को बैरंग तक लौटना पड़ता था।

कब कितने सैंपल

वर्ष कार्रवाई
2015 315
2016 275
2017 255
2018 274
2019 282
2020 194



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/means-eat-the-rest-of-the-day-is-unclean-6489269/

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