अब मेयर बोले: चौपाटी बनाने को मंत्री व आयुक्त निरीक्षण कर रहे, मुझे पूछा तक नहीं

भरतपुर. विवादों में उलझी शहरी सरकार के दफ्तर में बुधवार को करीब एक घंटे तक सियासी ड्रामा चला। ड्रामा निगम के अधिकारी-कर्मचारियों से लेकर शहर की जनता ने भी देखा, लेकिन इसका हल कोई नहीं निकला। आयुक्त नीलिमा तक्षक के समर्थन में पार्षदों के एक गुट ने 45 पार्षदों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन जिला कलक्टर व एसपी के नाम देकर धारा तीन के मुकदमे को आयुक्त पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए झूठा मुकदमा करना बताया। इससे पहले पार्षदों का यह गुट एक रिसोर्ट में बैठक करने के बाद नगर निगम में मेयर के पास पहुंचा। जहां काफी देर तक दोनों के बीच बातचीत हुई। इसमें मेयर अभिजीत कुमार ने नगर निगम की ओर से चौपाटी बनाई जा रही है। आयुक्त के साथ स्थान का निरीक्षण किया जा रहा है, लेकिन मेरे नगर निगम में बैठे होने के बाद भी पूछा तक नहीं जा रहा है। आखिर संवैधानिक पद पर होने व पार्षदों की ओर से चुनने के बाद भी ऐसा करना उचित है क्या।
पार्षदों के गुट के पहुंचने के बाद निगम सभागार में ही बैठक की गई। पार्षदों ने कहा कि नगर निगम को लेकर जो कुछ भी चल रहा है। वह शहर व निगम के हित में नहीं है। ऐसे में इस प्रकरण में समझौता कर विवाद का निस्तारण किया जाना चाहिए। अन्य पार्षदों ने इस मामले पर यही राय दी। इस पर मेयर ने कहा कि तथाकथित कुछ लोग नियमों के अनुसार काम ही नहीं करना चाहते हैं। बात जांच की हो या अन्य कार्यों की। इस पर ज्यादातर मौजूद पार्षदों ने कहा कि निगम के सभी कार्य ऑनलाइन है, ऐसे में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। मेयर ने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद के लिए अधिकार सुरक्षित है। मैंने अब तक किसी पर भी व्यक्तिगत नहीं बल्कि सिस्टम पर सवाल उठाया है। पार्षदों के कहने पर जब मेयर ने आयुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले पार्षद नरेश जाटव को फोन किया तो पार्षद ने राजीनामा की बात से ही इंकार कर दिया।

45 पार्षदों ने हस्ताक्षर कर ज्ञापन में यह लिखा...

मेयर से मिलने के बाद पार्षदों के गुट ने कलक्ट्रेट पहुंच कर जिला कलक्टर व एसपी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि आयुक्त की ओर से विकास के अच्छे कार्य पूरी तरह से कराए जा रहे हैं। इनके खिलाफ धारा तीन का मुकदमा दर्ज कराया है वह पूर्वाग्रह से ग्रसित है। अधिकांश 40-45 पार्षदों की ओर से पूर्ण रूप से जानकारी के बाद इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि कुछ लोगों की ओर से स्वयं की स्वार्थ पूर्ति के लिए आयुक्त पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। ज्ञापन पर रूपेंद्र सिंह, कपिल फौजदार, ऋषिराज सिंह, रेखा रानी, पंकज गोयल, रजनी गोविंद सिंह, ओमवीर सिंह, प्रताप भानु, सतीश सोगरवाल, विजेंद्र चीमा, राजेंद्र राजू, वीरमति फौजदार, विष्णु मितल, रामेश्वर सैनी, अंजना लवानिया, किरन राना, संजय शुक्ला समेत करीब 45 पार्षदों के हस्ताक्षर का दावा किया गया है।

पार्षद का दावा..दो पार्षदों ने मैरिज होम ले जाकर धमकाया

खण्डेलवाल धर्मशाला खिरनी घाट पर पार्षदों की दूसरे गुट की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता भास्कर शर्मा पार्षद ने की। बैठक में पार्षद दिलकेश किशन पाल ने पार्षद नरेश जाटव पर निगम आयुक्त की ओर से राजकाज में बाधा का झूठा मुकदमा दर्ज कराने का विरोध किया। पार्षद मुकेश कुमार पप्पू ने दोनों घटना की नगर निगम में लगे हुए सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग की जांच उक्त मुकदमों की जांच कर रहे जांच अधिकारी से कराने की मांग की और कहा राजकाज में दर्ज मुकदमों में गवाही देने वाले कार्मिक की आयुक्त कार्यालय में सीसीटीवी कैमरों में घटना के मौके पर थे या नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए व पार्षद नरेश जाटव ने कहा कि बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे एक पार्षद मुझे बहला फुसलाकर बातचीत करने की बात कहकर दूसरे पार्षद के श्रीराम फार्म हाउस पर लेकर गया वहां पर पहले से मौजूद पार्षद व इन दोनों ने डरा धमकाकर आयुक्त से राजीनामा करने का दबाव बनाया व धमकी दी। इस घटना पर सभी पार्षदों ने एतराज जताया व स्वयं का और आयुक्त व घटना स्थल पर मौजूद गवाहों का नारको टेस्ट कराने की मांग की। सभी पार्षदों ने आयुक्त नीलिमा तक्षक को उक्त मुकदमे की कार्यवाही होने तक निलंबित करने की मांग की। पार्षद किशोर सैनी ने कहा कि गुरुवार को दोपहर 12 बजे नगर निगम भरतपुर के गेट पर आयुक्त का पुतला दहन किया जाएगा। बैठक में पार्षद मोती सिंह, देवेन्द्र सिंह, पार्षद चंदा पण्डा, किशोर सैनी, चतर सिंह सैनी पार्षद, विजय भारती, रिंकी, ववीता सुरेश, प्रकाश, पार्षद सुरेन्द्र एडवोकेट, रेनू गोरावर आदि उपस्थित थे।

इधर, मेयर ने निर्माण कार्यों की जांच के लिए गठित की कमेटी

मेयर ने बुधवार को एक आदेश निकाला है। इसमें कहा है कि यह जानकारी में आया है कि निगम में चल रहे विकास कार्यों में कुछ संवेदकों की ओर से लापरवाही बरतते हुए कार्य की गुणवत्ता को ध्यान में नहीं रखकर निर्माण कार्य किए गए हैं। इसी क्रम में निगम की निर्माणाधीन नंदी गौशाला, इकरन में किए गए कुछ निर्माण कार्यों जैसे टीन शैड, डब्ल्यूबीएम, मिट्टी भर्त आदि की भी शिकायतें संज्ञान में आई है। नंदी गौशाला इकरन में निर्माण कार्यों की जांच के लिए एईएन दीपा गुर्जर व कनिष्ठ अभियंता आशीष मौर्य के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई है, जो कि एज पर शैड्यूल प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देगी।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/minister-and-commissioner-are-inspecting-i-did-not-even-ask-6489255/

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