परदेश से उड़कर पहुंची चिंता, रिपोर्ट नेगेटिव सो अब फिक्र फुर्र

भरतपुर . परदेशी परिंदों की उड़ान यूं तो देशी-विदेशी सैलानियों को खूब सुकून देती है। साथ ही घना की खुशियों को भी 'घणाÓ कर देती है, लेकिन इस बार बर्ड फ्लू की आशंका के बीच हजारों किलोमीटर दूर सुदूर देशों से उड़ान भरकर चिंता यहां तक पहुंच गई, लेकिन सुकून की बात यह है कि पक्षियों की तमाम रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। ऐसे में सैलानियों के साथ पशुपालन विभाग की फिक्र भी फुर्र हो गई है। केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में परिंदों के प्रवास करने से भरतपुर हमेशा हाई अलर्ट पर रहता है।
अफ्रीकन देशों से यहां प्रवास करने पहुंचने वाली बार हेडेट गूज को बर्ड फ्लू जैसे रोग का वाहक माना जाता है। ऐसे में पशुपालन विभाग की चिंता लाजिमी थी। ऐसे में घना से नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रथम दृष्टया इनमें कोई रोग नहीं मिला है। ऐसे में विभाग ने राहत की सांस ली है। बार हेडेड पक्षी घना में जगह-जगह फैला हुआ है। ऐसे में यदि इस पक्षी के जरिए रोग फैलता तो पक्षियों की नगरी में बर्ड फ्लू रोग फैलना तय था। ऐसे में हजारों पक्षियों की जान जा सकती थी, लेकिन पशुपालन विभाग का दावा है कि भरतपुर में बर्ड फ्लू रोग जैसा कुछ नहीं है। बर्ड फ्लू की आशंका के बीच सामान्य मौत मरे कौवा और कबूतर से लोगों में दशहत थी, लेकिन इन सबकी रिपोर्ट नेगेटिव है। ऐसे में भरतपुर में बर्ड फ्लू की आशंका कतई नहीं जताई जा रही है। वर्तमान में घना में करीब 700 से 800 बार हेडेड गूज मौजूद हैं।

अब पोल्टी फॉर्मों पर नजर

घना सहित अन्य पक्षियों के नमूने नेगेटिव आने पर पशुपालन विभाग फिलहाल सुकून में है। फिर भी एहतियातन जिले के मुर्गी फार्मों पर विभाग की नजर है। जिले में 95 पोल्टी फॉर्म हैं, जिनके निरीक्षण का कार्य विभाग ने शुरू कर दिया है। इन फार्म में एक अनुमान के मुताबिक 3 लाख 34 हजार 237 मुर्गे-मुर्गी हैं। इनमें रोग के लक्षणों को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। यदि यहां पक्षी मरे मिलेंगे तो उनकी बीट और ब्लड के नमूने लेकर जांच को भिजवाए जाएंगे। फिलहाल 7 फार्म का निरीक्षण हो चुका है, जिनमें चिंताजनक कुछ भी सामने नहीं आया है।

100 नमूने किए एकत्रित

पशुपालन विभाग ने अब बार हेडेड गूज सहित अन्य पक्षियों के नमूने संकलित किए हैं। प्रथम दृष्टया इनमें बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नजर नहीं आए हैं। विभाग ने 60 नमूने घना से, 20 नोनेरा से तथा 20 नमूने बंध बरैठा से संकलित किए हैं, जिन्हें स्टेट लैब के जरिए जालंधर भेजा गया है। यदि यहां से कुछ भी आशंकित नजर आता है तो नमूनों को जांच के लिए एकमात्र लैब भोपाल भेजे जाएंगे।

विभाग मान रहा सामान्य मौत

पशुपालन विभाग का कहना है कि सर्दी के मौसम में अमूमन कौवा सहित अन्य पक्षियों की मौत हो जाती है। इस बार बर्ड फ्लू का हौवा होने के कारण हो-हल्ला ज्यादा मच गया। विभाग का कहना है कई परिंदे अधिक सर्दी लगने के कारण काल के गाल में समा जाते हैं, जो कि सामान्य मौत है, लेकिन इस बार बर्ड फ्लू ने लोगों को चिंतित कर दिया, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।

कहां कितने पोल्टी फार्म
नगर 11
भरतपुर 2
भरतपुर ग्रामीण 5
कुम्हेर 7
डीग 6
कामां 24
पहाड़ी 15
नदबई 13
भुसावर 3
बयाना 4
रूपवास 1
उच्चैन 8

इनका कहना है

जिले के लिए सुकून की बात यह है कि यहां के पक्षियों के अब तक भेजे गए नमूने नेगेटिव आए हैं। बार हेडेड गूज से खतरे की आशंका ज्यादा थी, लेकिन प्रथम दृष्टया घना सहित अन्य स्थानों पर मरे पक्षियों के नमूने में फ्लू नहीं मिला है। फिर भी विभाग पूरी तरह सतर्क है। इसके लिए आरआरटी टीमों का गठन कर रखा है।

- नगेश कुमार चौधरी, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग भरतपुर



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/concern-reached-from-foreign-country-report-negative-worry-furr-6641168/

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