12.50 पर लगी कुंडी तो बिफरे पड़े मरीज

भरतपुर . जनाना अस्पताल में सोनोग्राफी कक्ष के सामने जुटती भीड़ मरीजों की मुश्किल बढ़ाती नजर आ रही है। बुधवार को दोपहर 12.50 बजे सोनोग्राफी कक्ष की कुंडी लगने पर लंबे समय से कतार में खड़े कुछ मरीज बिफर पड़े। शोर-शराबा सुनकर स्टाफ भी बाहर निकल आया। ऐसे में मरीजों को समझाकर मामला शांत कराया।
मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत होने वाली जांचों के लिए अस्पताल प्रशासन ने वर्तमान में सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक सोनोग्राफी कराने का समय तय कर रखा है। बुधवार को कुछ मरीज कतार में खड़े थे। ठीक दोपहर 12.50 यहां तैनात कार्मिकों ने रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए और कमरे की कुंडी लगा दी। इस पर घंटों से कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे कुछ मरीज बिफर पड़े और अस्पताल प्रशासन पर मरीजों की अनदेखी का आरोप लगाया। मरीजों का आरोप था कि अस्पताल प्रशासन तय समय से पहले सोनोग्राफी बंद कर देता है। इससे यहां दूरदराज से आने वाली महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सोनोग्राफी तय समय से पहले बंद होने पर मरीजों ने खासी नाराजगी जाहिर की। वहीं इस संबंध में सोनाग्राफी कर रहे चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वर शर्मा ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन 100 से 120 मरीजों की सोनोग्राफी होती है। सोनोग्राफी के लिए एक ही चिकित्सक होने के कारण यहां मरीजों की भीड़ लग जाती है। मरीजों की सहूलियत के हिसाब से समय तय किया हुआ है। दस मिनट पहले कुंडी बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह समय इनडोर मरीजों सहित बाहर से आपात स्थिति में आने वाले मरीजों के लिए रखा जाता है। मरीज नहीं आने की स्थिति में सोनोग्राफी रिपोर्ट पर हस्ताक्षर बगैराह करने का काम किया जाता है।

यह बोले मरीज

मैं काफी देर तक कतार में खड़ी रही, लेकिन 1 बजने से पहले ही किवाड़ बंद कर दिए गए। मैं भुसावर से यहां आई हूं। काफी इंतजार करने के बाद भी नंबर नहीं आया है। दोपहर 1 बजे तक कतार में खड़े रहने वाली मरीजों की सोनोग्राफी करनी चाहिए।

- सुमन, निवासी भुसावर

दो घंटे इंतजार करने के बाद भी सोनोग्राफी कराने का नंबर नहीं आया। अस्पताल प्रशासन मरीजों की अनदेखी कर रहा है। इससे यहां आने वाले मरीजों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय तक इंतजार के बाद भी नंबर आने से मरीजों को परेशानी होती है।

- सपना, निवासी जगरौती मोहल्ला भरतपुर


आधा घंटे तक लाइन मेे खड़ी रही, लेकिन खिड़की तय समय से पहले ही बंद कर दी गई। इससे खासी परेशानी हुई है। अस्पताल प्रशासन मरीजों की सहूलियत देने का कोई प्रयास नहीं कर रहा है। हर रोज अस्पताल में ऐसी ही व्यवस्थाएं देखने को मिलती हैं।

- हेमलता, निवासी मुखर्जी नगर भरतपुर



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/the-latch-at-12-50-caused-the-patient-to-fail-6699664/

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