पहले लापरवाही ने दिया दर्द, अब बदइंतजामी की सही पीर

भरतपुर . संभाग के सबसे बड़े अस्पताल का तमगा लेकर बैठे आरबीएम में अव्यवस्थाओं से जूझते मरीजों की मुश्किल बढ़ती ही जा रही है। पहले लापरवाही का दर्द झेल चुकी एक किशोरी को गुरुवार को आरबीएम की बदइंतजामी की पीर सहनी पड़ी। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची किशोरी को इलाज नहीं मिलने पर परिजन उसे जयपुर इलाज के लिए ले गए। यह तो एक बानगी मात्र है। इससे पहले भी यहां की अव्यवस्थाएं खूब उजागर हुई हैं।
जानकारी के मुताबिक भावना (16) पुत्री सुखवीर निवासी सुनहरा कामां को करीब दो-ढाई माह पहले एक श्वान ने काट लिया था। इस पर उसका स्थानीय स्तर पर उपचार कराया गया। परिजनों का कहना है कि किशोरी को टीका लगवाने के साथ देशी उपचार भी कराया गया। बुधवार शाम को किशोरी की तबियत अचानक बिगड़ गई। किशोरी को उल्टी होने के बाद सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इस पर परिजन उसे कामां अस्पताल लेकर पहुंचे। गंभीर हालत में उसे कामां से भरतपुर रैफर कर दिया गया। गुरुवार सुबह परिजन किशोरी को लेकर आरबीएम लाए। किशोरी के भाई सोनू ने आरोप लगाया कि गंभीर हालत में किशोरी को काफी देर तक कोई देखने तक नहीं आया। काफी मिन्नतें करने के बाद भी उसका उपचार शुरू नहीं हो सका। सोनू ने आरोप लगाया कि किशोरी को सांस लेने में बेहद दिक्कत हो रही थी। साथ ही उसे हवा-पानी से डर जैसा लग रहा था, लेकिन किशोरी को गंभीर हालत में भी ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। आरबीएम में बदइंतजामी का शिकार हुए परिजन हारकर उसे जयपुर ले गए। अब किशोरी को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है।

पंखा तक नहीं किया बंद

किशोरी के भाई सोनू ने आरोप लगाया कि किशोरी हवा और पानी से डरने की बात कह रही थी। ऐसे में वहां तैनात कुछ कार्मिकों से पंखा बंद करने को कहा गया, लेकिन किशोरी की गंभीर हालत के बाद पंखा तक बंद नहीं किया गया। यहां ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं होने की बात कहकर ऑक्सीजन लगाने से मना कर दिया। ऐसे में आनन-फानन में परिजन किशोरी को जयपुर ले गए।

विवादों से जुड़ रहा नाता

आरबीएम में अव्यवस्थाओं के आलम के चलते इसका नाता विवादों से जुड़ता नजर आ रहा है। पहले हादसे में पैर टूटने पर ऑपरेशन के लिए आई महिला अस्पताल अनदेखी का आरोप लगा चुकी है। अब हाल ही में एक अन्य मरीज ने एक चिकित्सक पर पैसे मांगने का आरोप लगाया है। इस मामले में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने जांच के आदेश दिए हैं। आए दिन मरीजों की मिल रही शिकायत के बाद आरबीएम की साख को बट्टा लग रहा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा।

कमीशनखोरी के लग रहे आरोप

संभाग स्तर पर खुले मेडिकल कॉलेज से जिला सहित आसपास के जिले के लोगों को बेहतर इलाज की आस जगी थी, लेकिन आरबीएम मरीजों की कसौटी पर खरा उतरता नजर नहीं आ रहा। हाल ही में एक मरीज ने अस्पताल में कमीशनखोरी का खेल होने का आरोप लगाते हुए तमाम व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा दिया है। मरीज आरोप लगा चुके हैं कि कई चिकित्सक आरबीएम पहुंचने वाले मरीजों को अपने निजी अस्पतालों में बुलाकर इलाज करते हैं। साथ ही उनसे खुलेआम सौदेबाजी भी की जा रही है।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/now-the-rightful-person-of-misconduct-6701247/

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