फल-सब्जियों से बने ऑर्गेनिक अबीर गुलाल से मनेगी होली, त्वचा को भी नहीं पहुंचेगा नुकसान
भरतपुर. रंगों के बिना होली का मजा अधूरा होता है लेकिन ये रंग आपके शरीर व जीवन को बदरंग न कर दें इसीलिए भरतपुर में फल-सब्जियों से बने ऑर्गेनिक अबीर गुलाल की बाहर दिखाई दे रही है। एक संस्था ने नगर निगम की पहल पर शहर की महिलाओं को फल व सब्जियों से ऑर्गेनिक हर्बल अबीर गुलाल बनाना सिखाया है। स्वर्ग संस्था ने महिलाओं को सिडबी के सहयोग से विशेषकर होली के त्योहार को देखते हुए ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी। इसमें महिलाओं ने भी उत्साह से भाग लेकर इस बार ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल से अपने परिवार के संग होली खेलने और इसे व्यापार के रूप में तैयार कर बाजार को ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल के रूप में नया विकल्प दिया है। इससे स्वस्थ होली खेली जाए तथा महिलाओं को भी आर्थिक संबल मिले।
जानकारी के अनुसार नगर निगम के आयुक्त डॉ. राजेश गोयल ने दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वर्ग संस्था भरतपुर की ओर से संचालित किए जा रहे शहरी आजीविका केन्द्र से बनाए जा रहे गाय के गोबर से बने उत्पाद और फल सब्जियों से बने ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल को देखकर महिलाओं को सिडबी के सहयोग से ट्रेनिंग दिलवाई। उनकी ओर से बनाए जा रहे हर्बल गुलाल को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार प्रसार किए जा रहे हैं तथा भरतपुर संभाग के सरकारी विभागों को नगर निगम के शहरी आजीविका केन्द्र की ओर से बनाए जा रहे ऑर्गेनिक हर्बल गुलाल को क्रय कर इसका उपयोग करने के लिए व अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक कर उपयोग करने के लिए निर्देश दिए हैं। संस्था के पदाधिकारी बलवीर सिंह ने बताया कि इस हर्बल गुलाल को संस्था ने रोहिणी हर्बल गुलाल नाम से बाजार में उतारा है। भरतपुर सहित अन्य कई जिलों जयपुर, अजमेर, जोधपुर में भी काफी अच्छी मांग है। अभी जयपुर में चल रहे राष्ट्रीय अमृता हाट में भी यह हर्बल गुलाल बिक रहा है। अन्य पड़ोसी राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से भी काफी मांग आ रही है। इससे भरतपुर की वर्तमान में 50 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल रहा है जो मांग बढऩे पर 200 तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्राकृतिक रंगों से होली खेलना आपके स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है। इन रंगों के उपयोग से आपको त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं और आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है। इन रंगों को आसानी से साफ किया जा सकता है तथा पानी की बर्बादी भी कम की जा सकती है।
ऑनलाइन मदिरा दुकान नीलामी के चार बोलीदाता हुए ब्लैकलिस्ट
भरतपुर. जिले में देशी-विदेशी मदिरा के खुदरा विक्रय की दुकानों के लिए तीन मार्च को ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया के प्रथम चरण में 35 मदिरा दुकानों के उच्चतम बोलीदाताओं का चयन किया गया। जिला आबकारी अधिकारी शिवसिंह ने बताया कि देशी-विदेशी मदिरा के खुदरा विक्रय की दुकानों की हुई नीलामी में उच्च बोलीदाताओं की ओर से देय धरोहर राशि की 50 प्रतिशत एवं बोली स्वीकार होने की तारीख से तीन दिवस में राजकोष में जमा कराना अनिवार्य था, लेकिन अभी तक ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया में चयनित चार बोलीदाताओं की ओर से उक्त धरोहर राशि राजकोष में जमा नहीं कराई गई है। इनमें गांव महतौली निवासी श्वेथा देवी, उत्तर प्रदेश बुलंदशहर के शिव आवासीय कॉलोनी निवासी विजय कुमार, गांव पार निवासी जोगेन्द्र सिंह एवं ग्राम व पोस्ट भदीरा तहसील नदबइ निवासी विक्रम सिंह की ओर से अभी तक राशि जमा नहीं कराई गई है, ऐसे उच्चतम बोलीदाताओं की प्रतिभूति राशि राजकोष में जमा करने के साथ ही स्वीकृत बोली के अंतिम दिन से आगामी तीन वर्षों के लिए नियमों के अधीन किसी अनुज्ञप्ति को रखने का हकदार नहीं रहेगा एवं ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
source https://www.patrika.com/bharatpur-news/even-skin-will-not-be-harmed-6740289/
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