मौसम के बदलाव से वायरल बुखार की चपेट में आ रहे बच्चे

भरतपुर. मौसम बदलने का प्रभाव नवजात शिशु और बच्चों पर भारी पड़ रहा है। मौसम के बदलाव ने बच्चों को वायरल बुखार के शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। करीब 15 दिन से अस्पताल के ओपीडी में वायरल बुखार के साथ खांसी-जुकाम, उल्टी-दस्त के शिकार शिशु व बच्चों की भीड़ देखी जा सकती है। इस स्थिति में अस्पताल में बच्चों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है।
वायरल की चपेट में आने से अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। यह चिंता का कारण है, क्योंकि एक तो कोरोना का संकट ऊपर से वायरल बुखार की दस्तक। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण बच्चों पर असर नहीं करता है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। फिर भी बचाव जरूरी है।

प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती

बचाव में लापरवाही बरतने पर वायरल बुखार हावी हो जाता है। इसलिए इन दिनों जनाना अस्पताल की ओपीडी में भीड़ व भर्ती वार्ड में नन्हे-मुन्नों को भर्ती देखा जा सकता है। ऐसी हालत में वार्ड भी लगभग फुल नजर आ रहे हैं। यहां प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं।

350 से अधिक पहुंची ओपीडी

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना काल में भी इतनी ओपीडी नहीं थी। भर्ती के लिए बच्चा वार्ड भी लगभग खाली थे। अब मौसम के बदलाव ने बच्चों को वायरल की चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसलिए ओपीडी अब 350 से 400 तक पहुंच गई है।

इससे होता है वायरल का खतरा

-1. धूप में निकालने से।

-2. पानी कम पिलाने से।

-3. बच्चे के सिर को नहीं ढकने से।

-4. पसीने में नहलाने से।

ऐसे करें बचाव

-1. बच्चे के बार-बार हाथ धुलाएं

-2. मास्क पहनाएं।

-3. शिशु को छह माह तक मां का दूध पिलाएं।

-4. बच्चा सुस्त हो तो चिकित्सक को दिखाएं।

मां का दूध सबसे उपयोगी

ऐसे मौसम में बच्चों को मां का दूध पीना अच्छा रहता है। मां के दूध से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढने में मदद मिलती है। शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए मां का दूध सबसे उत्तम है।क्योंकि, मां के दूध में बच्चे की पूरी जिंदगी रोग से लडने की क्षमता होती है।

बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं

बच्चे को अगर बुखार, उल्टी-दस्त, तेज खांसी-जुकाम हो तो तत्काल डॉक्टर को दिखाए। रेग्यूलर दवाई दें। वायरल में हल्के बुखार के बाद तेज बुखार भी आ सकता है।

- वायरल बुखार फैल रहा है। जनाना अस्पताल की ओपीडी में बच्चों की संख्या बढी है। करीब 15 से 20 बच्चे प्रतिदिन भर्ती हो रहे हैं। बच्चों का बचाव करें और बुखार आने पर चिकित्सक को दिखाएं।

डॉ. एलके मिश्रा, नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ, जनाना अस्पताल



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/children-in-the-grip-of-viral-fever-due-to-change-in-weather-6801445/

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