कोरोना ने तोड़ी रोडवेज की कमर

भरतपुर. पिछले साल से ही कोरोना का दंश झेल रही रोडवेज की इस बार के लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है। अब रोडवेज बसों का संचालन 10 मई से पूर्णतया बंद है। ऐसे में जिले की भरतपुर एवं लोहागढ़ डिपो खासा नुकसान झेल रहे हैं। इससे पहले भी संक्रमण के दौर में आधी-अधूरी चली बसों से रोडवेज का चक्का घाटे में ही घूमा था।
अप्रेल माह से पहले रोडवेज ने कुछ रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन अप्रेल माह में तेजी से फैले संक्रमण के कारण यात्री भार आधा ही रह गया। आलम यह था कि उस समय बसों में आधे ही यात्री सफर कर रहे थे। ऐसे में रोडवेज प्रबंधन ने बसों की संख्या भी आधी कर दी थी। अप्रेल माह में अटक-अटक कर घूमे चक्कों के बाद मई माह में यह पूरी तरह थम गया। अब 10 मई से बसें डिपो में ही खड़ी हैं। इसके चलते रोडवेज का प्रतिदिन बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है।

लोहागढ़ की 64 बसें बंद

लोहागढ़ डिपो में कुल 64 बसें हैं, जो 10 मई से डिपो में ही खड़ी हैं। संक्रमण के दौर के बीच यात्री नहीं मिलने के कारण रोडवज प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश पर बसों का संचालन बंद कर दिया है। सीजन की बात करें तो लोहागढ़ डिपो की आमदनी प्रतिदिन की 10 से 12 लाख रुपए है। इससे पहले भी 50 प्रतिशत ही कमाई हो रही थी, जिससे महज 3 से 4 लाख रुपए की ही आय हो रही थी। अब कमाई पूरी तरह से बंद हो गई है। ऐसे में 10 मई से आंकलन करें तो रोडवेज को प्रतिदिन के लिहाज से अब तक 1 करोड़ 60 लाख रुपए का घाटा हुआ है।

भरतपुर डिपो की 75 बसें बंद

भरतपुर डिपो की प्रतिदिन 75 बसें विभिन्न स्थानों के लिए संचालित होती हैं, जो अब डिपो में ही खड़ी हैं। अभी दूसरी लहर में बढ़े लॉकडाउन के बीच फिलहाल इनके चलने की संभावना नजर नहीं आ रही है। ऐसे में रोडवेज की कमाई पूरी तरह से बंद है। भरतपुर डिपो की 75 बसें प्रतिदिन करीब 26 हजार किलोमीटर चल रहीं थीं। ऐसे में डिपो को प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपए की आय हो रही थी। अब दस मई से यह पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में भरतपुर डिपो के घाटे की बात की जाए तो यह डेढ़ करोड़ रुपए से ऊपर बैठता है।

इनका कहना है

बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है। इससे पहले हमारी बसें प्रतिदिन 26 हजार किलोमीटर चल रही थीं। इनसे करीब 9 से 10 लाख रुपए की प्रतिदिन की आय हो रही थी, जो अब पूरी से बंद है।

- मनोज बंसल, मुख्य प्रबंधक भरतपुर डिपो

इनका कहना है

कोरोना के चलते रोडवेज की कमाई खासी प्रभावित हुई है। रोडवेज की सीजन में करीब 10 से 12 लाख प्रतिदिन की आय होती है, जो अब 10 से शून्य है। ऐसे में रोडवेज को प्रतिदिन बड़ा घाटा हो रहा है।

- महेश गुप्ता, मुख्य प्रबंधक लोहागढ़ डिपो



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/corona-broke-roadways-back-6865891/

Comments

Popular posts from this blog

...कैबीनेट मंत्री की फर्जी डिजायर से भरतपुर की राजनीति में बड़ा भूचाल

हवा भरने वाले कम्प्रेशर में ऐसा ब्लास्ट, करीब 60 फीट दूर जाकर गिरा दुकानदार, मौत

भाजपा की नैया पार लगाने को तैयार किए जाएंगे पन्ना प्रमुख