पेंशनरों की पीड़ा पर भंडार का मल्हम

-राजधानी के चिकित्सकों की दवा छोड़कर बाकी अन्य दवाएं कराई उपलब्ध
भरतपुर.
पेंशनरों की पीड़ा पर सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटेड ने मल्हम लगाने की ठान ली है। इसके लिए सभी जरूरी दवाएं भंडार की दुकानों पर उपलब्ध कराने को प्रयास तेज कर दिए हैं। हाल ही में कुछ दवाएं भंडार की दुकानों पर बढ़ाई भी गई हैं, जिससे बुजुर्गों को एनएसी एवं यहां-वहां चक्कर लगाने के झंझट से मुक्ति मिल सके।
भरतपुर सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटेड का दावा है कि कुछ पेंशनरों की दिल्ली, जयपुर एवं आगरा के डॉक्टरों की दवाएं चल रही हैं, जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। बाकी अन्य सभी सामान्य बीमारियों की दवा दुकानों पर उपलब्ध करा दी गई हैं। अमूमन सभी दवाओं की उपलब्धता के लिए भंडार को करीब 1 करोड़ रुपए प्रतिमाह की जरूरत महसूस हो रही है, इसमें से फिलहाल 80 से 90 लाख रुपए तक का इंतजाम हो रहा है। ऐसे में पेंशनरों को ज्यादातर दवाएं भंडार की दुकान से दिलाई जा रही हैं। भंडार का कहना है कि फिलहाल कोष कार्यालय में 3 करोड़ 99 लाख रुपए के बिल पेंडिंग हैं, जबकि पेंशनरों के ही करीब 55 लाख रुपए के बिल तैयार कर कोष कार्यालय भेजे जा रहे हैं। यदि इस राशि का भुगतान समय पर हो जाता है तो सभी पेंशनरों को दवा स्टॉकिस्टों के यहां से सहजता से दवा उपलब्ध कराई जाएंगी।

पहले 19 लाख अब महज आठ लाख की एनएसी

जिला प्रशासन ने शहर के पेंशनरों की सहूलियत के लिए वर्ष 2018 में एक निजी दुकान से अनुबंध किया था। जुलाई 2018 से अगस्त 2020 तक इस निजी दुकान को 4 करोड़ 57 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इस लिहाज से देखा जाए तो यह एनएसी का प्रतिमाह का करीब 19 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसके बाद सितम्बर माह से यह काम भंडार के माध्यम से हुआ और किसी भी निजी मेडिकल की दुकान से दवा खरीदकर बिल देने की प्रकिया शुरू हुई। अब यह सितम्बर 2020 से जून 2021 तक करीब 88 लाख रुपए की बैठती है। इस लिहाज से इस एनएसी का खर्च करीब 8 लाख रुपए हुआ है। राशि के बचत के हिसाब को देखते हुए तत्कालीन जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने निजी दुकान से अनुबंध खत्म करते हुए एनएसी की व्यवस्था भंडार के माध्यम से शुरू कराई थी। खास बात यह है कि भंडार की ओर से जिले की 8 तहसीलों में भंडार के माध्यम से दवा की दुकान संचालित हैं। इनसे एनएसी के बिल न के बराबर हैं, जबकि शहर में सर्वाधिक सहूलियत के हिसाब से पेंशनरों को दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।


इनका कहना है

भंडार की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं कि पेंशनरों को दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़े। पहले की अपेक्षा भंडार की दुकानों पर भी दवाएं बढ़ा दी गई हैं। भविष्य में और भी सहूलियत देने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ पैसा कोष कार्यालय में अटक रहा है। पैसा आते ही सभी दवाएं बुजुर्गों को सहज रूप से मिल सकेंगी।

- जितेन्द्र मीणा, जनरल मैनेजर भरतपुर सहकारी उपभोक्ता भंडार लिमिटेड



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/bhandar-s-ointment-on-the-sufferings-of-pensioners-6908997/

Comments

Popular posts from this blog

...कैबीनेट मंत्री की फर्जी डिजायर से भरतपुर की राजनीति में बड़ा भूचाल

हवा भरने वाले कम्प्रेशर में ऐसा ब्लास्ट, करीब 60 फीट दूर जाकर गिरा दुकानदार, मौत

भाजपा की नैया पार लगाने को तैयार किए जाएंगे पन्ना प्रमुख