हालात नपा से भी खराब, बनाना चाहते हैं भरतपुर को चंडीगढ़

भरतपुर. पिछले करीब एक महीने से करीब 19 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित सफाई ठेका का विवाद अभी थमा नहीं है। नगर निगम ने पार्षदों को चंडीगढ़ में सफाई व्यवस्था दिखाने का कार्यक्रम बनाया तो अब पार्षदों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। ऐसे में तय है कि अब यह विवाद बढ़ता जा रहा है। पार्षदों के एक गुट की बैठक पार्षद हरभानसिंह की अध्यक्षता में ब्राह्मण धर्मशाला में हुई। इसमें सफाई की डीपीआर पर 25 जून 2021 को हुई निगम की साधारण सभा की बैठक में प्रस्ताव संख्या 69 पर निर्णय 21 सदस्यीय पार्षद कमेटी के गठन पर विस्तारपूर्वक विचार किया गया। इसमें निर्णय लिया गया कि मेयर की ओर से आज तक 21 सदस्यों की कमेटी के नामों का खुलासा नहीं किया गया है जबकि साधारण सभा की बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से हुआ था कि सफाई की डीपीआर की व्यवस्था 21 सदस्यीय कमेटी की ओर से देखी जाएगी। जबकि ढुलमुल नीति एजेंडा को पास कराने के लिए भ्रम मेयर रोज फैला रहे हैं। असहमत पार्षदों की संख्या लगभग 40 है, उसमें से वरिष्ठ 16 पार्षदों का चयन किया जाए। इससे कि इस सफाई डीपीआर व्यवस्था पर पारदर्शिता बनी रहे। न्याय के सिद्धान्त दूध का दूध और पानी का पानी हो सके, लेकिन मेयर ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है। पार्षदों को भ्रमित कर प्रस्ताव को हर स्थिति में पास कराना चाहते हैं। जहां टूर ले जाना चाहते हैं उस शहर चंडीगढ का भरतपुर से तुलनात्मक रूप में विकास की दृष्टि, भोगोलिक दृष्टिकोण से प्रति व्यक्ति आय के दृष्टिकोण, बसावट की दृष्टि से दूर-दूर तक कोई मुकाबला नहीं है। सिर्फ मेयर की ओर से कागज की पूर्ति मात्र है। हम सब ऐसे विचारों का विरोध कर रहे हैं तथा कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इस बैठक में निर्णय हुआ कि अभी उक्त भ्रमण कार्यक्रम को स्थरगित किया जाए। बैठक में पार्षद वीरमती, रेनू गोरावर, शिवानी दायमा, रूपेन्द्र सिंह, श्याम सुन्दर, नीरज, दाऊदयाल शर्मा, दीपक मुदगल, शैलेश पाराशर, नरेश जाटव, भगवान सिंह, रामेश्वर सैनी, किशोर सैनी, सुरेन्द्र वकील, रेखा रानी, राकेश पठानियां, मनीषा चौहान, नरेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे।

इधर, नेता प्रतिपक्ष ने किया विरोध

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष कपिल फौजदार ने कहा कि बैठक में लिए निर्णय के अनुसार अभी तक कमेटी का गठन नहीं किया गया है। अगर ऐसे ही रहा तो कुछ भी निर्णय नहीं होगा। यहां पार्षदों को भ्रमित किया जा रहा है। पार्षद यह मांग कर रहे हैं कि सफाई व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए एक निगम अधिकारी, कर्मचारी एवं पार्षदों की संयुक्त कमेटी का गठन किया जाए। सफाई व्यवस्था में हो रही गड़बड़ी परिवहन कचरा इत्यादि पर रोक लग सके। कमेटी का गठन किया जाए। इससे सफाई व्यवस्था सुदृढ हो सके। आखिर कमेटी क्यों नहीं बनाई जा रही।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/the-situation-is-worse-than-napa-chandigarh-has-to-be-made-bharatpur-6962003/

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