अब पुलिसकर्मियों से ज्यादा पकड़े जा रहे घूसखोर पुलिस अधिकारी...

भरतपुर. जिस पुलिस अधिकारी पर प्रकरण में जांच कर कार्रवाई का जिम्मा था, वो ही कार्रवाई करने के एवज में रिश्वत मांग रहा था। मथुरा गेट थाने की आरबीएम अस्पताल चौकी के प्रभारी एएसआई रामवीर सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार इंदु देवी नामक महिला के साथ उसका पति पिटाई करता था और उसको छोड़ दिया था। इसके बाद पीडि़त महिला इंदु ने पति और जेठ के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जांच एएसआई उपनिरीक्षक रामवीर सिंह के पास थी। परिवादी महिला इंदु देवी ने बताया कि पति उसके साथ मारपीट करता है और उसको अपने साथ नहीं रखता है। साथ ही पति और जेठ मिलकर उसकी पिटाई करते हैं और दोनों के खिलाफ मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, मगर कोई कार्यवाही नहीं हो रही थी और जांच अधिकारी रामवीर सिंह कार्यवाही करने के लिए 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था और नहीं देने पर मामला उल्टा करने की धमकी दे रहा था। रिश्वत देने के लिए 20 हजार रुपए का इंतजाम किया था। एसीबी के इंस्पेक्टर श्रवण कुमार ने बताया कि एक महिला ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने मथुरा गेट थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी कि दर्ज प्रकरण में कार्रवाई करने के एवज में एएसआई रामवीर सिंह रिश्वत की मांग कर रहा है। इसका सत्यापन कराया गया। बुधवार को एएसआई को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई एसीबी के एडिशनल एसपी महेश मीणा के नेतृत्व में की गई।

यह था मामला

इस प्रकरण में मथुरा गेट थाने में जेठ के अनुज वधु के साथ छेड़छाड़ किए जाने का मामला दर्ज कराया था। दर्ज कराई रिपोर्ट में वसंत बिहार निवासी 32 वर्षीय विवाहिता ने कहा था कि 25 नवंबर को मेरा जेठ वीरेंद्र सिंह मुझे घर में अकेली पाकर घुस आया और जबरन छेड़छाड़ करने लगा, जब मैंने विरोध किया तो मेरे साथ मारपीट की। वहीं 23 नंवबर को विवाहिता ने अपने भाईयों और भतीजों के सहयोग से अपने पति भागमल पर जानलेवा हमला कर दिया, इस पर पति ने विवाहिता के खिलाफ कुछ दिन पूर्व ही थाना मथुरा गेट में मामला दर्ज कराया था।


देखिए एसपी साहब....थाने और चौकियों में चल रहा रिश्वत का खेल

भ्रष्टाचार हर विभाग में जड़ जमा चुका हैं, इसे कोई एक विभाग खत्म नहीं कर सकता है। बल्कि आमजन का भी योगदान जरूरी है, परंतु जिस गति से जिले की पुलिस के बेड़े में भ्रष्टाचार पनप रहा है। उससे इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि भले ही रिश्वत का सिस्टम मजबूत हो रहा है, लेकिन अपराध रोकने को लेकर पुलिस की पकड़ कमजोर हो रही है। कमाई वाले थाने और चौकियों पर पदस्थापन की सिफारिश और राजनेताओं का दवाब पुलिस को कमजोर बना रहा है। ऐसे में अगर पुलिस अधिकारी सिस्टम को यूं ही कमजोर होने देंगे तो आमजन का पुलिस पर विश्वास ही मिट जाएगा।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं भ्रष्ट पुलिस अधिकारी

केस नंबर एक

28 जून 2021 को एसीबी अलवर-प्रथम इकाई ने गोपालगढ़ थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह और रीडर सोनिया को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। थाना प्रभारी और रीडर ने परिवादी से मुकदमे में मदद करने के एवज में दस लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। यह मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में छाया था। क्योंकि कार्रवाई के कुछ दिन पहले ही दोनों की रिश्वत लेने की शिकायत जिम्मेदार पुलिस अधिकारी से की गई थी। हालांकि एक राजनेता के दवाब में कार्रवाई नहीं की गई थी।


केस नंबर दो

चार फरवरी 2021 कामां उपखंड जुरहरा थाने में दर्ज हुए एक चोरी के मामले में कार्रवाई करने की एवज में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सोहनलाल को सात हजार रुपए की रिश्वत लेते दौसा एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। हैड कांस्टेबल ने आठ हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/bribery-police-officers-being-caught-7202797/

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