आज भी आठ हजार किसानों को इसलिए नकदी का इंतजार...

भरतपुर. अब बैंकों के माध्यम से बिना किसी गारंटी के किसान क्रेडिट कार्ड के तहत एक लाख साठ हजार रुपए तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। बैंकों ने दावा किया है कि अब ऋण लेने की प्रक्रिया को पहले से भी और सरल कर दिया है। इससे किसानों को अब कोई परेशानी नहीं आएगी। बल्कि उन्हें आवेदन करने के बाद समय पर ऋण की स्वीकृति भी जारी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कोरोनाकाल के आंकड़ों पर नजर डालें तो किसानों ने जितने आवेदन किए थे, उनमें से आधे से कम को भी ऋण नहीं मिल सका है। अब एक बार फिर से संबंधित बैंक व नाबार्ड ने यह प्रक्रिया शुरू कर ऋण स्वीकृति का दावा किया है।
किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान का शुभारम्भ एडीएम प्रशासन बीना महावर एवं एडीएम शहर रघुनाथ खटीक की ओर से शुक्रवार को सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता कर किया गया। एडीएम महावर ने कहा कि जिले के किसान क्रेडिट कार्ड से वंचित कृषकों को जोड़कर बैंकों के माध्यम से बिना किसी गारंटी के केसीसी के तहत एक लाख 60 हजार रुपए तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि केसीसी के माध्यम से ऋ ण प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। खास बात यह है कि अब बिना किसी गारंटी के ही ऋ ण प्राप्त कर सकता है। इससे कृषक अपने कृषि आदान एवं अन्य कार्यों को समय पर पूरा कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग की ओर से 24 अप्रेल को प्रदेशभर में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में जिले के पटवारी एवं राजस्व अधिकारीयों को ज्यादा से ज्यादा अपने क्षेत्र में जाकर मौके पर ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए जरूरी कागजात उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा गए हैं। नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार मीना ने बताया कि यदि किसान समय पर ऋ ण चुकता कर देते हैं तो उन्हें तीन लाख रुपए तक का ऋ ण चार फीसदी ब्याज अनुदान पर मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुना करने, साहुकारों के चंगुल से छुड़ाने तथा समस्त किसानों को बैंक योजनाओं से जोडऩे के लिए 24 अप्रेल से एक मई 2022 तक किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी अभियान चलाया जा रहा है।

निकटवर्ती बैंक में बनवा सकते हैं केसीसी

अग्रणी जिला प्रबन्धक कैप्टन रवीन्द्र पाण्डेय ने बताया कि किसान अपना केसीसी निकटवर्ती बैंक से संपर्क कर बनवा सकते है। इसके अलावा कृषि के साथ-साथ पशुपालन व मत्स्य पालन के लिए भी ऋ ण केसीसी के तहत अतिरिक्त ऋ ण सीमा निर्धारित करा सकते हैं। इसके लिए एक पृष्ठ का सामान्य आवेदन पत्र तैयार कर सभी बैंकों की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया है। इस मिशन के तहत शेष किसानों को केसीसी से आच्छादित किया जाना है। उन्होंने बताया कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एक लाख 60 हजार रुपए तक के ऋण के लिए किसानों से कोई भी बंधक नहीं लिया जाएगा।

आवेदन 10 हजार और स्वीकृति सिर्फ दो हजार को

कोरोनाकाल में विभिन्न बैंकों में केसीसी के तहत ऋण लेने के लिए करीब 10 हजार किसानों की ओर से आवेदन किए गए थे, लेकिन अब तक इनमें से मात्र दो हजार किसानों को ही ऋण मिल पाया है। हकीकत यह है कि नाबार्ड की ओर से करीब 1500 फाइल पेंडिंग बताई गई हैं तो अन्य फाइलों में किसी का डिफॉल्टर होना तो किसी के आवेदन में बड़ी खामियां होना बताया गया है। जबकि हकीकत यह है कि खुद बैंकों की ओर से ही लापरवाही बतरने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/even-today-eight-thousand-farmers-are-waiting-for-cash-7485115/

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