मुफ्त की दवा बढ़ा रही अस्पताल का दर्द

भरतपुर . पर्चा, जांच, इलाज और दवा अब सब कुछ फ्री होगा। सरकारी मंशा के अनुरूप अप्रेल में इसका ड्राय रन करीब-करीब हो गया है। अब रविवार से सरकारी अस्पताल सब कुछ मुफ्त की राह पर चल पड़े हैं, लेकिन मुफ्त की दवा अब अस्पतालों को दर्द देती नजर आ सकती है। वजह, अस्पताल पहले से ही स्टाफ के टोटे से जूझ रहे हैं। अब भीड़ का तोड़ अस्पतालों के पास भी नहीं है। अस्पताल में दवा लेने को लगती कतारें इस कमी को बखूबी बयां करती हैं। मरीजों को पूरी दवा देने और कतारें थामने में अस्पतालों का पसीना छूटता नजर आ रहा है।
वर्तमान की बात करें तो आरबीएम चिकित्सालय में छह दवा काउंटर हैं, जबकि जनाना अस्पताल में तीन काउंटर बने हुए हैं, लेकिन इन पर भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। अब सब कुछ फ्री की उम्मीद में भीड़ बढऩे की पूरी संभावना है। अब आरबीएम अस्पताल प्रशासन ने स्टाफ के साथ आठ और दवा काउंटर बढ़ाने की बात कही है। दवा की उपलब्धता की बात करें तो अभी आरबीएम में दवा का पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन इस कवायद से दवाओं की और जरूरत पड़ेगी। ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने डिमांड भेज दी है। साथ ही अन्य दवाएं खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है।

रियल टाइम ने बढ़ाई कतार

अस्पताल प्रशासन ने दवा काउंटरों से दवा लेेने वालों मरीजों के पर्चों को रियल टाइम अपलोड करने को कहा है। इसमें मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे पहले फार्मासिस्ट पर्चा लेकर दवा दे देता था और पर्चा बाद में चढ़ जाता था, लेकिन अब रियल टाइम ने इनकी मुसीबत बढ़ा दी है। अब एक मरीज को दवा लेने में कम से कम पांच मिनट का समय लग रहा है। इस बीच यदि कोई व्यक्ति लाइन में दसवें नंबर पर खड़ा है तो उसका नंबर एक घंटे में आ रहा है। तेज गर्मी के बीच टिनशैड़ के नीचे खड़ा होना मरीज एवं उनके परिजनों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है।

एक काउंटर पर तीन कार्मिक

अस्पताल में संचालित होने वाले डीडीसी (दवा काउंटर) पर तीन कार्मिक रहते हैं। इनमें प्रमुख रूप से दवा देने के लिए फार्मासिस्ट, पर्चा चढ़ाने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं फार्मासिस्ट को दवा उपलब्ध कराने के लिए हैल्पर। अब आरबीएम अस्पताल प्रशासन ने आठ काउंटर बढ़ाने की बात कही है। इस लिहाज से यहां प्रत्येक पर तीन कार्मिक तैनात करने होंगे। इसके अलाव यहां पांच काउंटर इनडोर मरीजों के लिए चौबीस घंटे संचालित करने की योजना है। ऐसे में इनमें तीन शिफ्टों में स्टाफ की जरूरत होगी।

पांच काउंटर चौबीस घंटे होंगे संचालित

जांच, दवा, पर्ची और इलाज फ्री करने की योजना के तहत इनडोर मरीजों को अब चौबीस घंटे दवा उपलब्ध कराने की भी योजना है। ऐसे में आरबीएम एवं जनाना अस्पताल में चौबीस घंटे यह दवा काउंटर संचालित होंगे। इनमें स्टाफ शिफ्टों में तैनात किया जाएगा। ड्राय रन खत्म होने के बाद यह व्यवस्था 1 मई से लागू होगी।

17 काउंटर होंगे संचालित

आरबीएम एवं जनाना अस्पताल में 1 मई से अब कुल 17 दवा काउंटर संचालित होंगे। इनमें आरबीएम अस्पताल में पांच एवं जनाना अस्पताल में तीन दवा काउंटर बढ़ाए जाएंगे। ऐसे में वर्तमान एवं बढ़े हुए काउंटरों के बाद संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। आरबीएम में कुल संख्या 11 हो जाएगी।

जन औषधि केन्द्र भी देगा राहत

आरबीएम में दवा काउंटर बढऩे के साथ अब प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र भी संचालित होगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। अभी तक जन औषधि केन्द्र जनाना अस्पताल में ही संचालित हो रहा है। दवा काउंटर पर दवा नहीं मिलने की स्थिति में मरीज अब यहां से दवा ले सकेंगे। जन औषधि केन्द्र के मई के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।

इनका कहना है

अस्पताल प्रशासन ने योजना को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। दवाओं की उपलब्धता बेहतर है। कुछ दवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया भी अपना ली है। योजना के बेहतर संचालन के लिए दवा काउंटर बढ़ाने के साथ जन औषधि केन्द्र भी खोला जा रहा है। इसके लिए स्टाफ भी लगाया जाएगा।

- डॉ. जिज्ञासा शाहनी, अधीक्षक आरबीएम भरतपुर



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/free-medicine-is-increasing-the-pain-of-the-hospital-7505115/

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