खुद मांगा दोहरा दुलार, फिर दर्द दे गया बेशुमार

भरतपुर. रक्षाबंधन के दिन उनके आंगन में खुशियां नाच रही थीं। बहन अपने भाई की कलाई पर प्यार सजाने को आतुर थी तो भाई भी बहन पर दुलार लुटाने को लालायित था। अबकी बार भाई ने बहन से खास सौगात मांगी थी। हर बार बहन अपने भाई की कलाई पर एक राखी बांधती थी, लेकिन इस बार भाई ने दो राखी बंधवाने की जिद की। ऐसे में बहन ने भाई की कलाई पर दोहरा प्यार सजाया, लेकिन किसी को यह इल्म भी नहीं था उसने इन दो राखियों में जिंदगी भर का प्यार समेट लिया है और यह दो राखियां उसकी कलाई पर बंधी आखिरी राखियां होंगी। यह बताते-बताते बहन ऋतु की आंसू से झर-झर आंसू बह गए। वहीं मां तो बेटे की मौत से मूरत ही बनकर रह गई। हम बात कर रहे हैं गोपालगढ़ निवासी प्रदीप (27) पुत्र सत्यप्रकाश की।
प्रदीप घर की आंखों का तारा तो था ही। पड़ोसियों का भी वह लाडला था। उसका हंसमुख और मिलनसार स्वभाव हर आंख को नम कर गया। बहन ऋतुु अग्रवाल ने बताया कि रक्षा बंधन के त्योहार पर उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं था। हर बार मैं उसके एक राखी बांधती थी, लेकिन उसने इस बार दो राखी बंधवाकर 200 रुपए भेंट के रूप में दिए। ऋतु की जुबां यह बताते हुए खामोश हो जाती है। आंखों से आंसू सूख चुके हैं, लेकिन आंखों में डूबे आंसुओं के बीच अब सिर्फ सिसकियां ही बाहर आ रही हैं, जो उसके दर्द को बखूबी बयां कर रही हैं। मां से भी प्रदीप का गहरा लगाव था। प्रदीप की मां ने बताया कि उसने एक साल पहले मुझसे 10 हजार रुपए लिए, जब मैंने उसे मजाक में पैसे लौटाने को कहा तो उसने मुझे 50 हजार रुपए लौटाए और खूब लाड भी लड़ाया। मां ने बताया कि प्रदीप के जाने से मेरी दुनिया ही उजड़ गई है।

ये था मामला

आगरा रोड पर बंसल पेट्रोल पंप के सामने गुरुवार रात्रि एक बाइक को टक्कर मार दी। इसमें पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर टीपी श्रीवास्तव (45) एवं गोपालगढ़ निवासी बीमा कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर प्रदीप मित्तल की मौत हो गई। दोनों बाइक पर सवार होकर एक ढाबे से खाना खाकर लौट रहे थे। टीपी श्रीवास्तव की पत्नी दूसरी बाइक पर बैठी थी। हादसे के दौरान वह भी चोटिल हो गईं।

खुशियों से पहले दर्द से भर गया दामन

प्रदीप के पिता सत्यप्रकाश ने बताया कि प्रदीप की शादी को लेकर पूरा परिवार बेहद उत्साहित था। प्रदीप की शादी की बात भी चल रही थी। इससे इतर बैंक में बतौर एजेंट नौकरी कर रहे प्रदीप को नौकरी छोड़कर दुकान खुलवाने की बात चल रही थी, लेकिन परिवार को पता नहीं था कि इन खुशियों की तैयारी के बीच परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा।

मेरी तो दुनिया ही लुट गई

मेरी तो पूरी दुनिया ही उजड़ गई है। अब मेरी जिंदगी किसके सहारे कटेगी। वह मेरे महज पति नहीं, बल्कि मेरी पूरी दुनिया थे। यह कहते-कहते टीपी श्रीवास्तव की पत्नी श्वेता की आंखों से झर-झर आंसू बह निकले। श्वेता ने बताया कि उनके कोई बच्चा नहीं है। अब मेरी जिंदगी किसके सहारे कटेगी। श्वेता कहती हैं कि उनका हंसमुख स्वभाव सभी को खूब भाता था। इस नाते उनका पूरा परिवार उनसे बहुत प्यार करता था। वह सबका भला सोचने वाले थे, लेकिन प्रकृति ने मेरे साथ यह क्रूर मजाक किया है। टी.पी. श्रीवास्तव मूल रूप से रेवतीपुर जिला गाजीपुर बनारस उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे। श्रीवास्तव के परिजन भाई डॉ. राधेश्याम श्रीवास्तव, भतीजा विकास श्रीवास्तव, ससुर अनिल कुमार, साढू दीपक श्रीवास्तव, अतीश श्रीवास्तव एवं आशुतोष श्रीवास्तव, ***** शरद श्रीवास्तव, साली ज्योति श्रीवास्तव एवं भाई दिनेश श्रीवास्तव शव को लेने भरतपुर पहुंचे। अस्पताल से शव लेकर उन्होंने यहीं उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

सेवर थाने में दर्ज कराया मामला

मृतक प्रदीप के चाचा राकेश मित्तल की ओर से सेवर थाने में मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया है कि गुरुवार रात्रि करीब 9.30 से 10 बजे के बीच मेरा भतीजा प्रदीप मित्तल बाइक से एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर घर आ रहा था। बाइक पर पीछे टी.पी. श्रीवास्तव बैठे थे। इसी दौरान पीछे से आगरा की ओर से एक ट्रक ने तेज गति व लापरवाही से चलाते हुए बाइक को टक्कर मार दी और ट्रक बाइक को घसीटते हुए बंसल पेट्रोल पंप तक ले गया। दुर्घटना में प्रदीप मित्तल एवं टी.पी. श्रीवास्तव की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी बाइक पर चल रहे कृष्ण कुमार एवं बालकृष्ण ने घटना देखी।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/asked-for-double-caress-himself-then-gave-immense-pain-7034747/

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