अब एक-दूसरे को भ्रष्ट बताने में जुटे मंत्री, जिला प्रमुख और कहानी...

कार्रवाई अधिकारियों पर, फिर क्यों बौखला रही हैं मंत्री - जगत सिंह

- पत्रकारों से बात करते समय बोले जिलाप्रमुख

भरतपुर . पीएम आवास योजना में घोटाले का मुद्दा हमने सदन में पहले उठाया और इसकी जांच रिपोर्ट सांसद को पेश की। सांसद के इस मामले को संसद में उठाने के बाद गृह मंत्री की ओर से गठित की गई समिति ने जांच कर 12 अधिकारियों को निलंबित किया। यह जांच 2014 से चल रही थी। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने से कामां विधायक एवं राज्यमंत्री जाहिदा खान बौखला रही हैं। इससे साबित होता है कि उनकी अधिकारियों से मिलीभगत है। यह आरोप शुक्रवार को जिलाप्रमुख जगत सिंह ने लगाए। सिंह कलक्ट्रेट में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
जिलाप्रमुख जगत सिंह ने कहा कि वर्तमान विधायक कामां एवं मंत्री पता नहीं किस दुनिया में रहती हैं। वहां भ्रष्टाचार फैला है। अवैध खनन, सरपंच-ठेकेदारों से वसूली एवं थानों से वसूली किसी से छिपी नहीं है। जगत सिंह ने दावा किया कि इससे पहले पांच साल में भाजपा की सरकार में एक भी घोटाला एवं अवैध काम नहीं हुआ। जगत सिंह ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने से जाहिदा खान क्यों तिलमिलाई हुई हैं। इसका सबको पता है। आमजन के साथ दुव्र्यवहार एवं अत्याचार हो रहा है और वह खुलेआम अधिकारियों का पक्ष ले रही हैं। इससे तय है कि उनकी अधिकारियों से मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर वह कुछ भी आरोप लगा सकती हैं, लेकिन रिकॉर्ड में सब कुछ निकलकर सामने आ गया है। ऐसे में सच्चाई-सच्चाई ही रहेगी। कमेटियों के गठन के सवाल पर उन्होंने कहा कि समितियों का गठन आम सहमति से हुआ है। जहां काम ठीक नहीं हुए हैं। वहां जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

भ्रष्टाचार में साथ नहीं दिया तो दलित समाज की महिला प्रधानों को हटाया - जलीस

कामां. प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले को लेकर कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। पीसीसी सदस्य व राज्यमंत्री जाहिदा खान के पति जलीस खान ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता सिर्फ भ्रष्टाचार की नींव रखकर गए हैं, जिसका खुलासा कांग्रेस सरकार में हुआ है। खान ने कहा कि पीएम आवास योजना में शिकायत मिली तो जांच कांग्रेस के कार्यकाल में कराकर दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। घोटाले की जांच अमित कुमार यादव सीईओ ने 8 सितंबर 2020 को कराई। भाजपा सांसद रंजीता कोली ने बेवजह ही ड्रामाबाजी करते हुए चर्चाओं में आने के लिए संसद में मुद्दा उठाया। भाजपा नेता बिना तथ्यों के ही आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा विधायक के बाद दोनों पंचायत समितियों में भाजपा के प्रधान थे। भाजपा के तत्कालीन विधायक ने तो पंचायत समितियों में अपने बनाए हुए प्रधानों को ही हटा दिया, क्योंकि उन्होंने तत्कालीन विधायक के भ्रष्टाचार में साथ नहीं दिया और आज वह भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं। दलित समाज के उन पीडि़त लोगों से पूछा जाए कि तत्कालीन विधायक ने किस तरीके से दलित समाज को परेशान किया। भ्रष्टाचार में साथ नहीं देने पर कामां पंचायत समिति एवं पहाड़ी पंचायत समिति के भाजपा के ही प्रधानों को तत्कालीन विधायक ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा दिया। वह पहले अपनी गिरेबां में झांकें, जो अपनी पार्टी के ही नहीं होते। वह कभी बसपा कभी बीजेपी में आते जाते रहते हैं। यदि तत्कालीन विधायक ने जनता की सेवा की होती तो यहां से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ते हैं ना कि भाजपा छोड़ बसपा की टिकट पर रामगढ़ से चुनाव लडऩे जाते।



source https://www.patrika.com/bharatpur-news/minister-district-chief-and-story-engaged-in-telling-corrupt-7485125/

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