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Showing posts from April, 2021

रंगदारी का विरोध करने पर दुकानदार पर तलवार से हमला, घायल

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भरतपुर. कोतवाली थाना अंतर्गत लवानियां मोहल्ला में शुक्रवार को दुकान से माल निकालने को लेकर कुछ लोगों से दुकानदार का विवाद हो गया। आरोप है कि दुकानदार पर इन लोगों ने तलवार, सरिया व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इसमें दुकानदार के सिर में चोट लगने से वह घायल हो गया। इस बीच उसे बचाने आई महिला और अन्य लोगों के साथ मारपीट करने का भी आरोप है। घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उधर, पीडि़त पक्ष की ओर से आरोपी शख्स पर रंगदारी नहीं देने पर मारपीट करने का आरोप लगाते मुकदमा दर्ज कराया है। थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया कि प्रकरण में नरेश बंसल पुत्र रामकुमार बंसल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें बताया कि उसके भाई अविनाश बंसल की लवानियां मोहल्ला में दुकान है। यहां उसका भाई दुकान पर गया था, जहां कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उसके भाई पर तलवार से हमला कर घायल क दिया। बताया कि उसकी मां सब्जी मण्डी जाते समय दुकान के पास स्कूटी खड़ी की तो उन पर भी डंडे से हमला किया। रिपोर्ट में आरोप है कि इलाके में शंभू लवानिया बेवजह परेशान करता है और हफ्ता वसू

अब शिक्षकों के उपार्जित अवकाश की पीईईओ को दी जिम्मेदारी

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भरतपुर. उपखंड मजिस्ट्रेट इन्सीडैंट कमांडर ने गुरुवार को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के उपार्जित अवकाश को लेकर पीईईओ को जिम्मेदारी दी है। राजस्थान पत्रिका ने 27 अप्रेल के अंक में 'मास्साहबÓ की ड्यूटी पर उपार्जित अवकाश का संकट शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर शिक्षकों की पीड़ा को अधिकारियों के सामने रखा था। यह आदेश जिले के सभी ब्लॉकों के लिए प्रभावी रहेगा। हालांकि संबंधित ब्लॉक के एसडीएम की ओर से वहां के ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी व पीईईओ को निर्देशित किया जाएगा। भरतपुर एसडीएम की ओर से जारी आदेश में कहा है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए एवं कोविड वैक्सीनेशन के लिए आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। आदेश के अनुसार पूर्व में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रभारी क्रियान्वयन के लिए गठित ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप, इसमें संबंधित सरपंच संयोजक और संबंधित पीईईओ सह संयोजक थे। कार्य के ग्राम पंचायत स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप के सह संयोजक के रूप में समस्त पीईईओ जिम्मेदार हैं। पीईईओ को आवश्यकता के अनुसार अपने परिक्षेत्

प्लीज ऐसा मत करो, मर जाएगी मानवता

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भरतपुर. कोरोना काल में प्राणवायु की कमी ने देश को झकझोर दिया है। लोग इस संकट काल में मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट कुछ मानवता को शर्मशार करने से नहीं चूक रहे। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में एम्बुलेंस में आसरा पा रहे मरीजों से भी लोग धंधा करने से नहीं चूक रहे। आलम यह है कि पहले तीन से साढ़े हजार में जयपुर जा रही एम्बुलेंस इन दिनों मरीजों से 8 से 10 हजार वसूल कर रही है। इससे भी शर्मनाक स्थिति यह है कि मृत देह को ले जाने के लिए 50 किलोमीटर तक के 5 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार पहले सामान्य एवं गंभीर मरीजों को ले जाने के लिए प्राइवेट एम्बुलेंस संचालक साढ़े तीन से चार हजार रुपए जयपुर जाने तक लेते थे, लेकिन कोरोना काल में मरीजों की भरमार के बीच इन्होंने यकायक दामों में दोगुने से ज्यादा इजाफा कर दिया है। यह दाम बिना ऑक्सीजन वाली छोटी एम्बुलेंस का होता था। ऑक्सीजन सिलेंडर समेत एम्बुलेंस साढ़े चार से पांच हजार रुपए तक में हो जाती थी, लेकिन अब ऑक्सीजन की कमी के बीच एम्बुलेंस संचालक मनमाने दाम मरीजों से वसूल रहे हैं। कुछ परिजनों ने बताया कि एम्बुलेंस संचालक मरीजों

सांसों पर सितम के बीच व्यवस्थाएं बेरहम

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भरतपुर. तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के बीच चिकित्सा व्यवस्थाएं चित्त नजर आ रही हैं। अस्पताल में बेडों का टोटा है तो ऑक्सीजन की सांसें भी फूलती नजर आ रही हैं। इलाज की उम्मीद में अस्पताल पहुंच रहे लोगों को अब बेड नहीं मिल रहे हैं। बुधवार को अनाह निवासी एक युवक ने बेड मिलने से पहले करीब दो घंटे एम्बुलेंस में लगे सिलेंडर के सहारे सांसों को साधे रखा। इसके बाद वह अन्यत्र चला गया। जिले में बढ़ रहे संक्रमितों ने चिकित्सा व्यवस्था को चारों खाने चित्त कर दिया है। आरबीएम में बुधवार शाम को बेड फुल हो गए। इसके बाद भर्ती होने के लिए मरीज कतार में खड़े रहे। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि ऑक्सीजन की व्यवस्था है, लेकिन मरीजों के लिए ऑक्सीजन की डिमांड पूरी नहीं होती नजर नहीं आ रही। हालांकि अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि ऑक्सीजन आवश्यकता के हिसाब से दी जा रही है, लेकिन एक मरीज ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद उसे अस्पताल में बेड तो मिल गया, लेकिन देर शाम तक ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हुई। इस बीच उसकी सांस ऊपर-नीचे होती रहीं। अन्य मरीजों की स्थिति भी अंदर ऐसी है। आलम यह है कि अस्पताल प्रशासन ठीक हो

यहां कोरोना से बचाव का मैनेजमेंट...गजब

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भरतपुर. अपना घर बझेरा में रह रहे प्रभुजी को सुरक्षित रखने के लिए अपना घर प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। पहले भी यहां इनकी सुरक्षा के माकूल प्रबंध किए गए थे। अब दूसरी लहर में इन्हें कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए विजिटर्स के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। अपना घर में आवासरस करीब 3400 प्रभुजी में से हल्के जुकाम-बुखार एवं खांसी वालों को अलग रखा जा रहा है। इसके लिए अपना घर में 13 आइसोलेशन वार्ड शुरू किए गए हैं। प्रभुजी की सेवा में लगे स्टाफ को भी खास सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। इनमें मुख्य रूप से जिस स्टाफ के दो डोज वैक्सीन के लग चुके हैं, उन्हें घर आने-जाने की इजाजत दी जा रही है। बाकी जिनके एक डोज लगा है, उन्हें अपना घर में 24 घंटे सेवा देनी होंगी। सभी के लिए फेस मास्क एवं सैनिटाइजर अनिवार्य कर दिया है। साथ ही अपना घर में सेंसर वाले लिक्विड सोप भी लगवाए हैं, जिनसे हाथ टच करने की जरूरत नहीं होगी। यूं तो बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। फिर भी यदि जरूरी हो तो पीपीई किट पहनकर ही लोगों को अंदर प्रवेश दिया जाएगा। नए प्रभुजी के लिए बनाया अलग वार्ड अपना घर में अब पह

खराब स्पीड ब्रेकरों को सुधारा, अब जहां मनमर्जी से बनाए वहां भी तोड़े जाएंगे

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भरतपुर. यह कहना मुनासिब होगा कि नगर निगम की कार्यशैली नरक निगम से कम नहीं है। जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताजी आम मुद्दों पर चुप्पी साधे रहते हैं। चूंकि यह भी स्पष्ट है कि ठेकेदारी के खेल में नगर निगम में उनकी भी भागीदारी कम नहीं है। खैर मामला शहर में मनमर्जी के स्पीड ब्रेकरों से जुड़ा हुआ है। इसलिए इन मनमर्जी के स्पीड ब्रेकरों के लिए जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा करना भी हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन इन पर सवाल उठाने का जिम्मा आमजन का भी है। पत्रिका की मुहिम के साथ आमजन ने जब सवाल उठाए तो अब नगर निगम प्रशासन भी जाग गया। ऐसे में कमीशनखोरी के जाल में फंसे अधिकारी-कर्मचारियों ने दो दिन से इनकी सुध ली है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 18 अप्रेल के अंक में सुनिए शहरी सरकार...गलत डिजाइन से बने स्पीड ब्रेकर हर माह ले रहे चालकों की जान, ये कैसा विकास है शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद लगातार आमजन की इस समस्या को उजागर किया जा रहा है। राजस्थान पत्रिका के लगातार मुद्दा उठाने के बाद दो दिन से नगर निगम हरकत में आया है। नगर निगम की ओर से शहर के सर्कुलर रोड

सुनो साहब। यहां कोरोना आया तो मच जाएगा कोहराम

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भरतपुर. न यह अपना नाम जानते हैं और न पहचान। शरीर बीमारियों का घर है। सांसें सेवा और दवाओं के भरोसे हैं। इम्युनिटी पॉवर इतनी कम है कि किसी भी रोग को इनकी देह में आसानी से पनाह मिल जाती है। यदि इन्हें सुरक्षित करने की सोची भी जाए तो नियमों का रोड़ा इनकी सांसों पर सितम ढाता नजर आ रहा है। वजह, करीब 2 हजार से ज्यादा के पास अपनी पहचान का कोई दस्तावेज तक नहीं है। ऐसे में इनका वैक्सीनेशन कैसे होगा। यह सवाल यहां की फिक्र को बढ़ा रहा है। हम बात कर रहे हैं मां माधुरी बृज वारिस सदन (अपना घर) में रह रहे प्रभुजी की। अपना घर बझेरा में वर्तमान में करीब 3400 प्रभुजी आवासरत हैं। इनमें से 1200 के पास तो पहचान के लिए आधार कार्ड हैं, लेकिन करीब 2200 के पास पहचान का दस्तावेज तो दूर इन्हें अपने नाम तक का इल्म नहीं है। इनमें से करीब 90 प्रतिशत प्रभुजी दवा पर आश्रित हैं, जो गाइड लाइन की पालना का मतलब तक नहीं समझते। अब सबसे बड़ी चिंता यह है कि इनका बिना पहचान के वैक्सीनेशन कैसे होगा और बिना वैक्सीनेशन के यह कैसे महफूज रह सकेंगे। (भगवान न करे) यदि यहां कोरोना घुसा और यह स्थल हॉट-स्पॉट बना तो पूरे भरतपुर के लि

आखिर क्या है विश्वेंद्र सिंह के करीबी पर हमले का राज ?

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भरतपुर. शहर में डबल ए क्लास के ठेकेदार वैभव चौधरी पर सोमवार दोपहर कुछ बदमाशों ने हमला कर दिया। वे उस समय न्यायालय से बाहर निकल रहे थे। यह मामला देर रात तक सोशल मीडिया पर छाया रहा। हालांकि पुलिस ने पीडि़त की शिकायत पर चार नामजद समेत सात-आठ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन हमले के पीछे का कारण अभी रहस्य बना हुआ है। इसको लेकर कोई भी पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। घटना की जानकारी मिलने पर डीग-कुम्हेर विधायक व पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी आरबीएम अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि घायल मेरे करीबी हैं। ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच कर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने इसे साजिश भी बताया है। मथुरा गेट थाने में वैभव चौधरी पुत्र केहरी सिंह जाट (35) निवासी मकान नंबर 451 कृष्णा नगर भरतपुर ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया है कि सोमवार दोपहर वह दोपहर करीब सवा बजे न्यायालय परिसर से बाहर निकल रहा था कि वहां पर शेरा पहलवान, राकेश चाहर, अत्येंद्र फौजदार, जीतू एवं सात-आठ अन्य लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जान से मारने के मकसद से हमला कि

चुनौतियों की भरमार, लेकिन मनोबल भी अपार

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भरतपुर. महज सोलह दिन के कार्यकाल में उनकी प्रशासनिक चुस्ती सोलह आना खरी नजर आती है। कोरोना काल में इस प्रशासनिक दक्षता का इम्तिहान और कड़ा हो गया है, लेकिन उनका जवाब है कि भले ही चुनौतियां अपार हैं, लेकिन इनसे पार पाने को सरकारी मशीनरी और चिकित्सा विभाग का मनोबल अपार है। ऐसे में भरतपुर हर हाल में कोरोना से जंग जीतेगा। यह कहना है कि भरतपुर के नवनियुक्त जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता का। कलक्टर कहते हैं कि इस जंग में जिंदगियों को बचाना पहली प्राथमिकता है। ऐसे में ऑक्सीजन और बेड़ों की व्यवस्था को मजबूत किया गया है। दूसरी लहर के कहर से बचने का यही सबसे उपयुक्त समय है। हमें धैर्य के साथ इस चेन को तोडऩे में जरूर कामयाब होंगे। Q. कोरोना काल में जिंदगी बचाने को क्या जतन हैं? जवाब: किसी भी गंभीर मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं आने दी जाएगी। हमारे पास वर्तमान के लिहाज से पर्याप्त संसाधन हैं। एक मरीज को हर रोज डेढ़ सिलेंडर की ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जिसे हम सहज पूरी कर रहे हैं। भविष्य के लिए बेहतर इंतजामात किए हैं। Q. दूसरी लहर से निबटने को क्या पुख्ता प्रबंध हैं? जवाब: वैक्सीनेशन के लिहाज से भर

खतरा बढ़ा...अब कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे आरबीएम के आधा दर्जन चिकित्सक पॉजिटिव

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भरतपुर. कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की जिंदगी को महफूज करते हुए चिकित्सक खुद इसकी चपेट में आ रहे हैं। अब आरबीएम के करीब आधा दर्जन चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। इनमें से एक चिकित्सक को आईसीयू में भर्ती है, जबकि अन्य होम आइसोलेट किए गए हैं। कोरोना काल में मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सकों के पॉजिटिव होने से चिकित्सा व्यवस्थाएं बेपटरी होने का अंदेशा बना हुआ है। हालांकि चिकित्सक पूरी मुस्तैदी से मरीजों की देखभाल में जुटे हुए हैं।जानकारी के अनुसार शुरुआत में एक-दो चिकित्सकों ने लक्षण प्रतीत होने पर अपना टेस्ट कराया। सम्पर्क में आए अन्य चिकित्सकों ने भी अपनी रिपोर्ट कराई है। ऐेसे में आरबीएम में तैनात आधा दर्जन चिकित्सक अब कोरोना पॉजिटिव हैं। इनमें से एक का उपचार आईसीयू में चल रहा है, जबकि अन्य होम आइसोलेट होकर उपचार ले रहे हैं। इसको लेकर आरबीएम प्रशासन पूरी सतर्क हो गया है एवं चिकित्सकों को खास सावधानी के साथ मरीजों को उपचार करने की बात कही है। टले सामान्य ऑपरेशन कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की बढ़ती संख्या एवं हल्के खांसी-जुकाम को लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को लेकर चिकि

बैंड, बाजा न बारात, शादी कारोबार क्वॉरंटीन

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भरतपुर. दूल्हे का सेहरा और दुल्हन का चेहरा देखने की बारातियों की हसरत इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते पूरी होती नजर आ रही। न बैंड-बाजा बज रहा है और न बारात निकल रही है। ऐसे में शादियों का कारोबार क्वॉरंटीन होता नजर आ रहा है। अप्रेल माह की बात करें तो शादियों से जुड़ा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक इस कारोबार को करीब 10 करोड़ रुपए का फटका लगा है। अप्रेल माह में ही शहर के मैरिज होम की करीब 300 बुकिंग कैंसिल हुई हैं। कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सरकार ने शादियों पर खासी बंदिशें लगाई हैं। शादियों में महज 50 व्यक्तियों की सीमित संख्या ने मैरिज होम्स की बुकिंग को धड़ाधड़ रद्द कराया है। इससे मैरिज होम संचालकों को तगड़ा झटका लगा है। वहीं शादियों में अन्य व्यवस्थाएं करने वाले लोगों का रोजगार भी खासा प्रभावित हुआ है। लोगों की सीमित संख्या के चलते ज्यादातर लोग मैरिज होम्स की बजाय अब होटलों में शादी करने को तवज्जो दे रहे हैं। ऐसे में मैरिज होम्स संचालकों को इस पाबंदी ने तगड़ा झटका दिया है। अप्रेल माह में ही बंदिश के चलते करीब 80 प्रतिशत बुकिंग निरस्त हो चुकी हैं। जिले मे

जनअनुशासन पखवाड़े में शिथिलता को लेकर सरकार को भेजा प्रस्ताव, सोमवार से दुकानों का खुलने का समय घटा

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भरतपुर. गृह विभाग के आदेशों के तहत 18 अप्रेल से & मई 2021 तक जनअनुशासन पखवाडा चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बाजारों को खोलने के सम्बंध में व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि मण्डल से गुरूवार को प्रशासन की वार्ता हुई जिसमें त्योहारी मौसम, शादी-विवाह के कार्यक्रमों को दृष्टिगत रखते हुए जनअनुशासन पखवाडे में शिथिलता प्रदान करने की मांग रखी गई। इसी के तहत जन अनुशासन पखवाडे के तहत अनुमत गतिविधियों में वृद्धि करने का एक प्रस्ताव राÓय सरकार को भेजा गया है। जिला कलक्टर हिमांशु ने बताया कि राÓय सरकार से अनुमोदन एवं सूचना प्राप्त होने के उपरान्त ही यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इसलिए व्यापार मण्डल एवं आमजन को सूचित किया जाता है कि प्रशासन के अधिकृत आदेश प्रसारित होने तक किसी भी भ्रामक संदेश पर अमल न लाया जाए। उधर, इस प्रस्ताव के गलफत को लेकर शहर में शुक्रवार को बाजार खुल गए जिससे भारी भीड़ जमा हो गई। उधर, नई गाइड लाइन के तहत सोमवार से समय में परिवर्तन किया गया है। अब सुबह 6 से 11 बजे ही खुलेगा बाजार, वहीं अन्य दुकानों का भी समय जारी किया गया है। यूं खुलेंगे बाजार सोमवार से शुक्रवार: सुबह 6 से 11 बजे

कागजों में करोड़ों से विकास का दावा, खुद स्पीड ब्रेकर बनाने में फेल

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भरतपुर. शहरी सरकारी का करीब छह महीने के अंदर एक बार दरबार लगता है, इसमें साधारण सभा की बैठक के नाम पर 65 चुने व पांच मनोनीत पार्षद समेत तमाम अफसर आकर विकास पर चर्चा करते हैं। कुछ घंटों की बैठक में करोड़ों रुपए से विकास का दावा कर दिया जाता है। साथ ही कुछ पार्षद कुछ मुद्दों पर हल्ला कर सुर्खियां बटोर जाते हैं, लेकिन इन सबके बाद भी स्पीड ब्रेकर का मुद्दा इन तमाम जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के लिए मायने नहीं रखता है। क्योंकि हर दिन कोई न कोई वाहन चालक मनमर्जी के स्पीड ब्रेकरों के कारण घायल हो रहा है। जबकि नगर निगम में कार्यरत इंजीनियरों की इंजीनियरिंग स्पीड ब्रेकरों को देखकर फेल नजर आती है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 18 अप्रेल के अंक में सुनिए शहरी सरकार...गलत डिजाइन से बने स्पीड ब्रेकर हर माह ले रहे चालकों की जान, ये कैसा विकास है शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इसके बाद लगातार आमजन की इस समस्या को उजागर किया जा रहा है। हकीकत यह है कि स्पीड ब्रेकरों को लेकर शहर में नगर निगम हो या सार्वजनिक निर्माण विभाग, किसी की भी कोई सही योजनानहीं है। जहां सबसे ज्यादा

सुनो सरकार...अब दो दिन की ही प्राणवायु, फिर प्राणों पर संकट

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भरतपुर . कोरोना से सांसों पर आ रहे संकट को दूर करने के लिए जरूरी ऑक्सीजन की कमी ने प्रशासन और चिकित्सा विभाग की सांसों को भी सांसत में डाल दिया है। जिले के लिए ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले दो डीलरों में से एक की आगरा से सप्लाई बंद होने के यह संकट और बढ़ गया है। अब जिले में महज दो दिन का काम चलाने के लिए ही ऑक्सीजन बची है। ऐसे में प्रशासन ने आनन-फानन में अलवर एवं जयपुर से ऑक्सीजन मंगाई है। जिले में अब तक ऑक्सीजन के दो सप्लायर थे। इनमें सौरभ एंटरप्राइजेज कुम्हेर गेट एवं बीआईटी बल्देव इंडस्ट्रीज पुराना रीको क्षेत्र से सप्लाई हो रही थी। इनमें से सौरभ एंटरप्राइजेज को ऑक्सीजन की सप्लाई आगरा से मिलती थी, जो पिछले दो-तीन दिन से बंद हो गई है। ऐसे में जिले में ऑक्सीजन की कमी का संकट गहरा गया है। आगरा से तमाम प्रयास करने के बाद भी ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। अब जिले के मरीज महज बीआईटी की सप्लाई के ही भरोसे हैं। जिले में ऑक्सीजन की कमी से उपज रहे संकट से उबरने के लिए जिला प्रशासन ने तत्काल अलवर एवं जयपुर से ऑक्सीजन की सप्लाई मंगाई है। अलवर से 100 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए हैं, जिनके शुक्रवार

कोरोना ने खाई, रोडवेज की कमाई

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भरतपुर. कोरोना की दूसरी लहर हर क्षेत्र में कहर बरपा रही है। कोरोना ने रोडवेज की कमर भी तोड़ दी है। रोडवेज की कमाई पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है। यात्री भार आधा होने के साथ रोडवेज की कमाई भी अब आधी रह गई है। आलम यह है कि पिछले दिनों की तुलना अब आधे यात्री ही सफर कर रहे हैं। बसों के संचालन पर भी कोरोना का असर पड़ रहा है। यूं तो रोडवेज की गाइड लाइन के अनुसार बस में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के तहत कम ही यात्री ही बिठाए जा रहे हैं, लेकिन कोरोना के चलते यात्री भार आधा ही रह गया है। ऐसे में बस में महज 20 से 25 यात्री ही सफर कर रहे हैं। यात्री भार आधा रहने से कमाई भी खासी प्रभावित हुई है। बसों के संचालन की बात करें तो दिल्ली एवं बल्लभगढ़ आदि क्षेत्रों में जाने वाली बसों की संख्या भी कम हो गई है। पहले जहां चार बसें चलती थीं। अब यात्री भार के लिहाज से उनकी संख्या भी एकाध कम कर दी है। अन्य शहरों के लिए जाने वाली बसें जहां हर आधे घंटे या 15 मिनट में जा रही थीं, उनकी अवधि भी अब बढ़ गई है। यह बसें अब आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक में रवाना हो रही हैं। कमोबेश यही स्थिति भरतपुर डिपो की भी है। हर र

एक माह बाद पता चला कि मिट गया है मांग का सिंदूर, अब मुफलिसी में मीरा

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भरतपुर. वह हर दिन राह तकती थी कि उसका पति घर लौट आएगा। सांझ ढले वह बच्चों को यही दिलासा देती कि 'पापाÓ दो वक्त की रोटी कमाकर घर लौट रहे होंगे, लेकिन कुदरत ने उसके साथ ऐसा क्रूर मजाक किया है, इसकी उसे भनक तक नहीं थी। उसे करीब एक माह बाद पता चला कि उसकी मांग का सिंदूर उजड़ गया है। पति के अंतिम दर्शन नहीं करने का दर्द उसे खूब साल रहा है। यह पीड़ा है शहर के तूफानी मोहल्ला निवासी मीरा की। मीरा का पति राजकुमारी पल्लेदारी करने का काम करता था। गत 28 फरवरी को वह घर से कुछ काम करने की कहकर निकला था। जघीना गेट के पास पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। पुलिस उसकी शिनाख्तगी के प्रयास किए, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। ऐसे में पुलिस ने ही राजकुमार का अंतिम संस्कार कर दिया। अब तीन अप्रेल को इसकी खबर मीरा को हुई तो उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मीरा के दो बच्चे हैं। साथ ही मीरा की वृद्ध सास भी उसके साथ रहती है। घर में कमाने वाला सिर्फ राजकुमार ही था। अब यह परिवार दाने-दाने को मोहताज है। गर्भवती मीरा बच्चों का पेट पालने की खातिर इधर-उधर मदद की गुहार लगा रही है। फोटो से क

शर्मनाक: नगर निगम के 70 में से सिर्फ एक मनोनीत पार्षद ने उठाया मनमर्जी के स्पीड ब्रेकरों का मुद्दा

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भरतपुर. शहर की विभिन्न सड़कों पर नियमों को तोड़ते हुए स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। इससे जहां पीठ दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं इससे वाहनों की रिपेयरिंग का खर्च भी बढ़ा है। इसके बाद भी सड़कों पर बने इन ब्रेकरों को हटाने पर विभागों के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 18 अप्रेल के अंक में सुनिए शहरी सरकार...गलत डिजाइन से बने स्पीड ब्रेकर हर माह ले रहे चालकों की जान, ये कैसा विकास है शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। खास बात यह भी है कि सोमवार को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में शहर के 65 वार्डों के पार्षद व पांच मनोनीत पार्षदों में से सिर्फ एक पार्षद मनोनीत पार्षद विजेंद्र चीमा ने मनमाने तरीके से बने स्पीड ब्रेकरों का मुद्दा उठाया। नियमानुसार हाइवे या गलियों में कहीं भी स्पीड ब्रेकर बनाने का नियम नहीं है। अमानक और ऊंचे ब्रेकर खासतौर पर गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए घातक हैं। इससे मिलने वाले झटके दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेकर के झटके से गर्भवती महिलाओं को नुकसान हो सकता है। शहर की स

पुलिस ने दो दिन में धरदबोचा पिता की हत्या करने का आरोपी पुत्र

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भरतपुर. रुदावल थाना इलाके के गांव पाली डांग में दो दिन पूर्व टोपीदार बन्दूक की बट मारकर पिता की हत्या करने के आरोपी पुत्र को पुलिस ने सोमवार देर शाम ब्रह्मबाद गांव के पास से गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि गांव बंगसपुरा निवासी जगदीश बरगी की उसके पुत्र बादाम ने बाइक नहीं देने पर नाराज होकर टोपीदार बन्दूक के बट से हमला कर पिता जगदीश की हत्या कर दी और फरार हो गया था। वारदात के बाद से पुलिस की उसकी सरगमी से इलाके में तलाश कर रही थी। थाना प्रभारी ने बताया कि तलाश के दौराने गांव ब्रह्मबाद के पास से आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी घुमन्तु जाति का होने के कारण पुलिस के पास उसकी पहचान नहीं थी। लेकिन पुलिस ने परिजन व अन्य लोगों से जानकारी कर लगातार तलाश कर रही थी। फायरिंग मामले में एक बाल अपचारी भी निरुद्ध भरतपुर. कोतवाली थाना पुलिस ने एक जने पर फायरिंग करने की वारदात में एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया है। इससे पहले पुलिस मामले में एक शॉर्प शूटर को गिरफ्तार कर चुकी है। थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया कि गत 13 अप्रेल कंट्रोल से सूचना मिली कि नदिया मोहल्ला में 5-6 बाइक

विश्वेंद्र सिंह ने उठाया सवाल...एसएमई ने निरीक्षण बाद भी क्यों नहीं की कार्यवाही

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भरतपुर. पिछले दिनों जिले के पहाड़ी इलाके में अवैध तरीके से रॉयल्टी वसूल करने की शिकायत नदबई विधायक जोगिन्दर सिंह अवाना की ओर से करने के बाद अब मामले में नया मोड आ गया है। अब डीग-कुम्हेर विधायक व पूर्व कैबीनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर रूपवास तहसील में बंशीपहाड़पुर, बंध बारेठा, महलपुरचूरा में सैंड स्टोन खनिज के अवैध व्यापार की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। पत्र में उल्लेख किया है कि रूपवास तहसील में बंशीपहाड़पुर में सैंड स्टोन के अवैध स्टॉकों पर एक अप्रेल 2021 को सहायक खनि अभियंता रूपवास, खनि अभियंता भरतपुर एवं सर्वेयरों की टीम की ओर से सर्वे किया गया था। इसमें दीक्षा कंस्ट्रक्शन एवं चैतन्य कंस्ट्रक्शन नाम की दो फर्मों के खिलाफ भारी मात्रा में अवैध गतिविधियां पाई गई थी। इन दोनों फर्मों की ओर से धौलपुर के रवन्ना से स्टॉक दिखाया गया था। इनका भौतिक सत्यापन व ब्लॉकों के नमूने मिलान की कार्यवाही की गई है। इसकी रिपोर्ट अभी तक गोपनीय रखी गई है। इस कार्यवाही को विभाग की ओर से छिपाया जा रहा है। सवाल उठता है कि आखिर उक्त फर्मों का लैंड कनवर्जन के बिना स्टॉक की मंजूरी क

कोरोना दिखा रहा दम, रिकवरी रेट मध्यम

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भरतपुर. कोरोना की दूसरी में शनिवार को 91 नए पॉजिटिव केस सामने आए। खास बात यह है कि केसों की बढ़ती संख्या के मुकाबले रिकवरी कम है। शनिवार को रिकवर हुए लोगों की संख्या 41 रही। ऐसे में दम दिखा रहे कोरोना के बीच चिकित्सा व्यवस्था भी हांफती नजर आ रही है। जिले में अब एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 459 तक पहुंच गई है। इससे पहले शुक्रवार को 95 पॉजिटिव मिले थे। अभी यदि हम नहीं संभले तो यह आंकड़ा भयाभय की ओर जा सकता है। पिछले तीन-चार दिन से कोरोना केसों में खासी वृद्धि हो रही है। इसको लेकर प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग भी चिंतित नजर आ रहा है। संक्रमण की तेजी रोकने के लिए प्रशासन ने तमाम पाबंदियां शुरू कर दी हैं। खास तौर से बाजारों में लोगों की आवाजाही रोकने को को वीकेंड कफ्र्यू जैसी कवायद की जा रही है, लेकिन कोरोना के बढ़ते केसों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। पॉजिटिव केसों में इजाफा होने से चिकित्सा विभाग की चिंताएं बढ़ रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर को थामना विभाग के बड़ी चुनौती बना हुआ है। आरबीएम में बढ़ाए 110 बेड जिले में बेकाबू होते कोरोना की लहर थामने के लिए चिकित्सा विभाग बंदोबस्तो

सुनिए शहरी सरकार...गलत डिजाइन से बने स्पीड ब्रेकर हर माह ले रहे चालकों की जान

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भरतपुर. वाहनों की स्पीड कम करने सड़कों पर बनाए गए ब्रेकर उलटे दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इसकी एकमात्र वजह है इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के मुताबिक इसका नहीं बनना। शहर की सड़कों पर बने ज्यादातर स्पीड ब्रेकर बेडौल हैं। इसकी वजह से कई लोगों की जान चली गई है। ऐसे स्थानों पर दुपहिया वाहन चालकों को रोज संतुलन खोकर गिरते- संभलते देखा जा सकता है। बावजूद नगर निगम, पीडब्ल्यूडी के अफसरों की नींद तक नहीं टूटी है। बेडौल ब्रेकर के कारण बैक बोन, गर्दन सहित अन्य बीमारियां भी लोगों को हो रही है। शहर के बेडौल ब्रेकर, किसी की जान ले रहे तो किसी को कर रहे बीमार, कैसे बनाना चाहिए यह इंजीनियरों को ही मालूम नहीं है। जानिए यह है नियम इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के अनुसार 17 मीटर रेडियस के राउंडेड हंप के शेप में स्पीड ब्रेकर बनाना चाहिए। इसकी चौड़ाई 3.7 मीटर और ऊंचाई 10 सेंटीमीटर होना चाहिए। गाइडलाइन में साफ लिखा है कि इन ब्रेकरों का निर्माण करने से वाहन डैमेज नहीं होना चाहिए। इनसे गुजरते समय वाहन चालक या उसमें बैठने वाले लोगों को असुविधा या अन्य प्रकार का नुकसान नहीं होना चाहिए। ब्रेकर का निर्म

हाइवा ट्रक को रोकने पर बदमाशों ने पुलिस पर की फायरिंग, ट्रक चढ़ाने का प्रयास

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भरतपुर. भुसावर थाना क्षेत्र में पुलिस गुरुवार रात जयपुर से चोरी हुए एक हाइवा ट्रक के भरतपुर की तरफ आने की सूचना पर नाकाबंदी कर रहे थे। हाइवा ट्रक के गांव पथैना के पास होने की सूचना पर थाना प्रभारी जयराज कृष्ण मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। यहां पथैना टोल से पहले एक पेट्रोप पंप के पास संदिग्ध हाइवा खड़ा मिला। साथ में कार सवार चार-पांच बदमाश भी दिखे। पुलिस ने उन्हें ललकारा तो एक व्यक्ति हाइवा में चढ़ गया जबकि अन्य कार में सवार हो गए। इन्होंने वाहन चलाते हुए पुलिस कर्मियों पर चढ़ाने का प्रयास किया। बचने के प्रयास में पुलिसकर्मी सतवीर सिंह जमीन पर गिर पड़ा। जिससे उसकी एसएलआर का बट टूट गया। पुलिस ने पीछा करने पर कार सवार दो फायर कर भाग निकले जबकि हाइवा को पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी चालक से पुलिस ने एक हथियार भी बरामद किया है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपी अपना नाम शाकिर पुत्र असर खां मेव निवासी जहमत थाना पुन्हाना जिला नूंह हरियाणा का होना बताया। तलाशी लेने पर उसके पास एक देशी कट्टा मय जिन्दा कारतूस एक 315 बोर का मिला। पूछताछ करने पर उसने भागे साथियों के नाम नब्बा मेव, इरशाद मेव निवासी तिलकप

मौसम के बदलाव से वायरल बुखार की चपेट में आ रहे बच्चे

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भरतपुर. मौसम बदलने का प्रभाव नवजात शिशु और बच्चों पर भारी पड़ रहा है। मौसम के बदलाव ने बच्चों को वायरल बुखार के शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। करीब 15 दिन से अस्पताल के ओपीडी में वायरल बुखार के साथ खांसी-जुकाम, उल्टी-दस्त के शिकार शिशु व बच्चों की भीड़ देखी जा सकती है। इस स्थिति में अस्पताल में बच्चों के भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है। वायरल की चपेट में आने से अस्पताल में प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। यह चिंता का कारण है, क्योंकि एक तो कोरोना का संकट ऊपर से वायरल बुखार की दस्तक। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण बच्चों पर असर नहीं करता है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। फिर भी बचाव जरूरी है। प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती बचाव में लापरवाही बरतने पर वायरल बुखार हावी हो जाता है। इसलिए इन दिनों जनाना अस्पताल की ओपीडी में भीड़ व भर्ती वार्ड में नन्हे-मुन्नों को भर्ती देखा जा सकता है। ऐसी हालत में वार्ड भी लगभग फुल नजर आ रहे हैं। यहां प्रतिदिन 15 से 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। 350 से अधिक पहुंची ओपीडी विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना का

अब धार्मिक स्थल भी श्रद्धालुओं के लिए बंद, एक ही दिन में 89 संक्रमित

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भरतपुर. कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते अब धार्मिक स्थल भी श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। साथ ही बाजार शाम पांच बजे बंद हो जाएंगे। इधर, गुरुवार को जिले में 89 संक्रमित निकले हैं। जिला कलक्टर ने कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में धार्मिक स्थलों के लिए लगाए गए प्रतिबंधों पर धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं धर्मगुरुओं के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे धार्मिक संस्थाओं के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा कर श्रद्धालुओं को सूचित करें कि राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत पूर्जा-अर्चना, इबादत एवं धार्मिक आयोजनों पर आगामी आदेशों तक पूर्ण प्रतिबंध होने के कारण मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे एवं चर्च बंद रहेंगे। इसके साथ ही वे अपने-अपने समुदायों के अनुयायियों को विभिन्न मीडिया माध्यमों के जरिए यह भी सूचित करें कि घरों में रहकर की गई पूजा-अर्चना एवं इबादत भी ईश्वर को उतनी ही मान्य है जितना कि हम मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे एवं चर्च में जाकर करते हैं। जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र विश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी की गई गाइडलाइन की पाल

खेलते समय कार हुई लॉक, दम घुटने से तीन सहेलियां की मौत

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भरतपुर. रूपवास थाना क्षेत्र के गांव कांदोली में बुधवार दोपहर खेलते समय घर के बाहर खड़ी एक कार में तीन बच्चियां बैठी हुई थी। अचानक होने से कार लॉक हो गई। परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई और कार का दरवाजा खोला तो तीनों बच्चियां बेसुध मिली। जिस पर इन्हें अस्पताल ले गए, जहां इन्हें मृत घोषित कर दिया। अचानक हुई इस घटना से ग्रामीण अंचभित हैं। खास बात ये है मृतकों में शामिल एक बच्ची का जन्म नवरात्रा में ही हुआ था जिस पर परिजन घर पर सत्संग का कार्यक्रम करा रहे थे। कार्यक्रम संपन्न होने पर जब बच्चियों को तलाशा तो वह कार में बेसुध मिली। इस हादसे में परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारों के अनुसार बुधवार दोपहर के समय गांव में एक घर के पास कैलाशचंद शर्मा की कार खड़ी थी। बताया जा रहा है कि उनकी छह वर्षीय पुत्री पीहू कार की चाबी ले आई और अपनी दो सहेली हीना (६ वर्ष) पुत्री रामबाबू जाट व वैष्णवी (६ वर्ष) पुत्री लक्ष्मण जाट निवासी कांदोली के साथ रोजाना की तरफ खेलते हुए कार में सवार हो गई। इस दौरान कार के अंदर एक हिस्से के पर्दे को हटाकर उसके अंदर पहुंच गई और दरवाजे अंदर से बंद कर लिया जिससे कार अंदर

गांव पूंछरी ने मिट्टी के तवों के रूप में बनाई देशभर में पहचान

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भरतपुर. भोजन पकाने की विभिन्न आधुनिक तकनीक बाजार में आ चुकी हैं लेकिन जो मिट्टी की सौंधी सुगंध से हमारे पूर्वजों का जो नाता रहा है उसे कभी अलग नहीं किया जा सकता। जब हमारे पूर्वज मिट्टी के तवे पर रोटियां सेंकते थे तो इन रोटियों में मिट्टी की जो सौंधी गंध समाहित हो जाती थी। उसे कुछ समय तो भुला दिया लेकिन अब पुन: लोग मिट्टी के तवे पर रोटी सेंकना अधिक पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि भरतपुर जिले का पूंछरी गांव के प्रजापति जाति के परिवार मिट्टी के तवे बनाकर प्रतिवर्ष करीब 80 लाख रुपए का कार्य कर रहे हैं और आज यह गांव तवे वाले गांव के नाम से अधिक पहचाना जाने लगा है। बात अधिक पुरानी नहीं है, पूंछरी गांव में प्रजापति जाति के करीब 35 परिवार मेहनत मजदूरी अथवा मिट्टी के बर्तन बनाकर विक्रय करने का काम करते आ रहे थे। इन लोगों के बाद रोजगार के अन्य वैकल्पिक साधन नहीं थे। ऐसी स्थिति में सोमोती के परिवार ने सर्वप्रथम मिट्टी के तवे बनाकर गांव में बेचना शुरू किया। तवा बनाने के लिए मीठा भूमिगत जल और पोखर की काली मिट्टी का उपयोग किया जाने लगा। इससे सोमोती के परिवार की ओर से बनाए गए मिट्टी के तवे अधिक मज

देश के पटल पर हमारे उद्योग की छाप, 10 हजार करोड़ का है व्यवसाय

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भरतपुर. देश के पटल पर हमारे तेल उद्योग ने अमिट छाप छोड़ी है। तेल उद्योग जहां स्थानीय लोगों के लिए जीवनरेखा बना है। वहीं आला दर्जे के काम ने इसे अव्वल मुकाम पर पहुंचा दिया है। हमारी सरसों की साख देशभर में सुर्खियां बटोर रही है। आलम यह है कि भरतपुर की सरसों से बना तेल आज देश के विभिन्न प्रांतों के लोगों की जुबां पर है। सरसों पिलाई का प्रतिवर्ष का करीब 10 हजार करोड़ रुपए का व्यापार है। ऐसे में यह उद्योग देशभर में भरतपुर मॉडल के नाम से पहचान बना रहा है। जिले में वर्षों से सरसों की फसल की खेती हो रही है। ऐसे में अनुभव से उगी सरसों की खेती जहां किसानों के लिए संजीवनी सरीखी साबित हो रही है। वहीं मजदूरों को भी भरपूर रोजगार मुहैया करा रही है। देशभर के विभिन्न प्रांतों की रसोई हमारे सरसों के तेल की सुगंध से महक रही हैं। अच्छी गुणवत्ता हमारी सरसों की ताकत बनी हुई है। इसी का नतीजा है कि भरतपुर के तेल की डिमांड हमेशा बनी रहती है। यूं तो पूरे प्रदेश में ही अच्छी सरसों का उत्पादन होता है, लेकिन यहां उत्पादन के साथ तेल मिलों में पिलाई के बाद बेहतर गुणवत्ता से निर्मित तेल का स्वाद हर जुबां पर है। इ

संतुलन बिगडऩे से ट्रेक्टर ट्रॉली पलटी, चालक की मौत

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भरतपुर. नदबई क्षेत्र के गांव बैलारा के समीप स्थित पोखर में शनिवार रात्रि करीब 9 बजे ट्रेक्टर ट्रॉली पलटने से मौके पर ही चालक की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव खेड़ी देवीसिंह निवासी बच्चूसिंह पुत्र गुमान सिंह जाट ने मर्ग रिपोर्ट के माध्यम से बताया है कि उसका पुत्र वेद प्रकाश उर्फ कल्लू जो कि नदबई स्थित एक फर्म पर ट्रेक्टर चालक की नौकरी करता था। वह शनिवार रात ट्रेक्टर ट्रॉली में सरसों की बोरियां लेकर अपने मालिक की मिल पर जा रहा था। यहां बैलारा के समीप स्थित पोखर के पास सामने से आते हुए रोज से ट्रेक्टर ट्रॉली को बचाने के चक्कर में वाहन असंतुलित होकर पोखर में पलट गया। जिससे चालक वेद प्रकाश की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस द्वारा शव को नदबई सीएचसी पर पहुंचाया गया। जिसका रविवार सुबह पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। फरार गोतस्कर गिरफ्तार कैथवाडा. थाना पुलिस ने रविवार को गौतस्करी के मामले में फरार चल रहे एक गोतस्कर को गिरफ्तार किया है। मामले में दो गौतस्करों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। थानाधिकारी रामनरेश मीणा ने बताया कि एक वर्ष पह

27 अप्रेल तक चैत्र मास, 13 से शुरू होगा नव संवत् 2078

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भरतपुर. हिंदी पंचांग का पहला महीना चैत्र शुरू हो चुका है। इस महीने में हिंदी नववर्ष की शुरुआत होगी। चैत्र माह नवरात्र भी मनाए जाएंगे। इस महीने में श्रीरामनवमी भी आएगी तो वहीं महावीर जयंती भी आएगी। इसके अलावा हनुमान जन्मोत्सव भी इस महीने की 27 अप्रेल को मनाया जाएगा। जानिए चैत्र माह में कब कौन सा खास तीज-त्योहार आएगा और उस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं। रविवार, 11 अप्रेल को और सोमवार, 12 अप्रेल को अमावस्या है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा है। इस दिन पितरों के लिए विशेष धूप-ध्यान करें। मंगलवार, 13 अप्रेल से चैत्र मास की नवरात्र शुरू हो जाएंगे। इस दिन घट स्थापना होगी। इसी दिन गुड़ी पड़वा है। नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी दिन से विक्रम संवत 2078 शुरू होगा। मान्यता है कि इसी तिथि पर ब्रह्माजी सृष्टि की रचना की थी। गुरुवार, 15 अप्रेल को गणगौर तीज है। इस दिन वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने की कामना से देवी पार्वती के लिए व्रत-उपवास किया जाता है। शुक्रवार, 16 अप्रेल को विनायकी चतुर्थी है। शुक्रवार को गणेशजी के स

850 रुपए में पूरा परिवार पा सकता पांच लाख रुपए के बीमा का लाभ

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भरतपुर. तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने शनिवार को महारानी श्रीजया महाविद्यालय में स्मार्ट साइंस लैब एवं एलिमेंट्री कंप्यूटर लैबों का उद्घाटन किया। जहां उन्होंने कहा कि इन लैबों के माध्यम से कोरोना काल में विद्यार्थियों को अध्ययन एवं प्रायोगिक कार्य करने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। डॉ. गर्ग ने सुझाव दिया कि इन दोनों लैबों का विद्यार्थी अधिकाधिक लाभ उठाएं। इसके लिए वे ऑडियो सिस्टम की व्यवस्था भी कराएं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के समय विद्यार्थियों के अध्ययन एवं प्रायोगिक कार्य करने में हो रही परेशानियों से इन लैबों के माध्यम से मुक्ति मिल जाएगी और वे अपना अध्ययन का कार्य नियमित जारी रख सकेंगे। उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिकाधिक लोगों के नामांकन कराने के लिए महाविद्यालय परिसर में काउंटर लगवाए और विद्यार्थियों को भी इस योजना की जानकारी दें। इससे वे अपने परिवारीजनों एवं आसपास के लोगों को प्रेरित करें और वे काउन्टरों पर आकर अपना पंजीयन करा सकें। राज्य मंत्री गर्

ग्वाले की असहनीय पीर ने बदल दिया मन, अब सब कुछ दीन-हीनों को अर्पण

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भरतपुर. बाल मन को एक पीड़ा ने ऐसा कचोटा कि अब उनकी जिंदगी दीन-हीनों के नाम हो गई है। अपना घर हर व्यक्ति के लिए दुनिया की सबसे प्यारी और महफूज जगह होती है। बस यही सोच थी कि अपना घर आने के बाद कोई भी उसे पराया नहीं समझे। सेवा भी इसी भाव से हो कि उसे भान तक नहीं हो कि वह बेगानों के बीच है। सेवा के इसी भाव पर रखी गई अपना घर की नींव आज लाखों बेसहारा जिंदगियों का सहारा बन गई है और अपना घर आज सेवा का दूसरा नाम है। हम बात कर रहे हैं बझेरा स्थित मां माधुरी ब्रज वारिस सदन (अपना घर) की। उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के गांव सहरोई निवासी अपना घर के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज बताते हैं कि उनके गांव में एक ग्वाला थे, जो गांव वालों के पशुओं को चराने का काम करते थे। वृद्धावस्था में जब वह बीमार हुए तो उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। अंतत: उनके शरीर में कीड़े पड़ गए और उन्होंने बीमारी के एक माह बाद ही देह त्याग दी। यह पीड़ा उन्हें अंदर तक कचोट गई। इस पीड़ा ने उनके बाल मन को दीन-हीनों की सेवा की ओर धकेल दिया। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह भरतपुर आए और यहां होम्योपैथी में मेडिकल ग्रेजुएशन करने के बाद वर