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Showing posts from May, 2021

हत्याकाण्ड का आरोपी करौली में धरदबोचा, मुख्य आरोपी की तलाश जारी

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भरतपुर. भरतपुर शहर में चिकित्सक दंपती की सरेआम गोली मारकर हत्या करने के मुख्य आरोपी महेश गुर्जर को सोमवार-मंगलवार रात करौली जिला पुलिस ने इलाके से धरदबोचा। आरोपी महेश गुर्जर को मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच करौली पुलिस से भरतपुर लेकर रवाना हो गई। करौली एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि भरतपुर रेंज आईजी प्रसन्न खमेसरा के निर्देश पर करौली जिले के मासलपुर, सूरौठ थाना क्षेत्र में नाकाबंदी कराई गई। मुख्य आरोपी महेश गुर्जर के करौली क्षेत्र में होने की सूचना पर साइबर टीम को अलर्ट किया गया। एएसपी प्रकाश चंद, करौली डीएसपी मनराज सूरत और मासलपुर थाना पुलिस के अलावा डीएसटी टीम की नाकाबंदी के दौरान आरोपी महेश गुर्जर के सूरौठ क्षेत्र में होने की सूचना मिली। इस पर पुलिस ने आरोपी को देर रात आरेनी गांव से दबोच लिया। आरोपी से प्राथमिक पूछताछ में हत्याकांड के दूसरे आरोपी के भी करौली क्षेत्र में होने के सुराग मिले हैं। वहीं, दूसरे मुख्य आरोपी और चिकित्सक की मृतका प्रेमिका के भाई अनुज गुर्जर की इलाके में सरगर्मी से तलाश कर रही है। गौरतलब रहे कि सोमवार को भरतपुर व धौलपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से गढ़ीबाजना

चिकित्सक दंपती हत्याकाण्ड: डांग इलाके पुलिसकर्मियों ने किया सर्च, आरोपी नहीं लगे हाथ

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भरतपुर. शहर में चिकित्सक दंपती हत्याकाण्ड में मुख्य आरोपी अनुज गुर्जर व धौलपुर निवासी महेश की तलाश में भरतपुर और पड़ोसी जिला धौलपुर पुलिस ने सोमवार को गढ़ीबाजना थाना क्षेत्र के डांग इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने गांव बैसोरा, सिंघारावली व जसौरा में कई घंटे तक तलाशी ली लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगे। पुलिस को अंदेशा है कि दोनों आरोपी डांग इलाके में छिपे हुए हैं। उधर, हत्याकाण्ड के षड्यंत्र में पकड़े आरोपी दौलत गुर्जर व निर्भानसिंह को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को 4 जून तक पुलिस रिमाण्ड पर भेज दिया। पुलिस आरोपियों को भागने और हत्याकाण्ड में और कौन शामिल था, उसको लेकर पूछताछ कर रही है। हत्याकाण्ड के फरार मुख्य आरोपी दौलत उर्फ भोलू पुत्र गोवर्धनसिंह गुर्जर निवासी अटलबंद गेट धाउपायसा थाना अटलबंद और निर्भानसिंह पुत्र सलोभनसिंह गुर्जर निवासी कुन्देर थाना उच्चैन की तलाश में सोमवार को एसपी भरतपुर देवेन्द्र सिंह विश्नोई और धौलपुर के केसर सिंह शेखावत के नेतृत्व में भारी पुलिस बल ने बॉर्डर के थाने गढ़ीबाजना इलाके के डांग क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया। सूत्रों के

पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज, निकलती दिखी सांसद की गाड़ी

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भरतपुर. क्षेत्रीय सांसद रंजीता कोली पर अज्ञात बदमाशों द्वारा किए गए हमले के मामले में को लेकर तीसरे दिन रविवार को भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस की अलग-अलग टीमें आरोपियों की तलाश करती रही। जानकारी के अनुसार डीएसटी टीम, थाना हलैना, भुसावर व साइबर टीम भुसावर सीओ के नेतृत्व में हर एक एंगल से मामले के खुलासे में जुटी हुई है लेकिन अभी तक पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। पुलिस ने रविवार को वापस वैर रोड का बारीकी से निरीक्षण किया तथा हंतरा मोड स्थित एक दुकान से सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें भरतपुर की तरफ से वैर रोड पर क्रॉस करती हुई सांसद की गाड़ी रात 11.22 बजे गुजरती हुई दिखी तथा न्यामदपुर मोड पर स्थित एक आईटीआई कॉलेज का सीसीटीवी कैमरे खराब मिले। वहीं, घटना स्थल के पास सड़क किनारे भारी तादाद में खाली शराब के पव्वे व पानी के पाउच बिखरे पड़े मिले। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि उक्त स्थान पर कुछ लोग कई दिनों से शराब का सेवन कर रहे हैं। या फिर अवैध शराब बिक्री हो रही है। उक्त स्थान दो थाने हलैना व वैर की सीमा क्षेत्र में आता है। आरोपों को ग्रामीणों ने नकारा सांसद हमला प्रकरण को ले

सोशल मीडिया मेडिकल से नहीं लें दवा, जीत जाएंगे जंग

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भरतपुर. कोरोना ने इस बार पूरे देश को झकझोर दिया है। इस बीमारी के प्रति लापरवाह बने रहना घातक सिद्ध हो सकता है। यदि लक्षण आ भी जाएं तो बिना घबराए डॉक्टर से परामर्श के बाद दवाएं लें। खास तौर से यह ध्यान रखें कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले मेडिकल स्टोर पर कतई ध्यान नहीं दें। चिकित्सक को दिखाने के बाद नियमित दवा लेने से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। यह कहना है जनाना अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश बंसल का। डॉ. बंसल ने कोरोना को मात दी है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बंसल ने बताया कि थोड़ी अस्वस्था होने पर उन्होंने जांच कराई तो दो मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने खुद को आइसालेट कर लिया और दवाओं का सेवन शुरू कर दिया। डॉ. बंसल कहते हैं कि हालांकि माइल्ड लक्षण थे। मुझे केवल जुकाम और हल्का बुखार हुआ था। इसके बाद भी तुरंत जांच कराकर उपचार शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि लापरवाही से यह रोग घातक हो जाता है। ऐसे में लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह पर जांच कराएं और दवाएं लें। कई बार लक्षणों के लिहाज से रोग की गंभीरता का पता नहीं चल पाता। हर दवा और टेस्ट का समय निर्धारित ह

राज्यमंत्री सुभाष गर्ग: भरतपुर या राजस्थान में ही नहीं सभी राज्यों में बढ़ रहा अपराध

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भरतपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने डॉक्टर दंपती की हत्या के दूसरे दिन कानून व्यवस्था बिगडऩे के आरोप पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि अपराध कहां नहीं हो रहा है। सिर्फ भरतपुर या राजस्थान में ही अपराध नहीं होता बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में भी अपराध बढ़ता जा रहा है लेकिन हर गुनाह की सजा होती है और कानून अपराधियों को सजा देगा। भरतपुर आए मंत्री गर्ग ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान ऐसा कहा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर दंपत्ति की गोली मारकर हत्या की गई है। उसके बारे में सभी को पता है कि यह मामला दो वर्ष पहले हुए एक कांड से जुड़ा हुआ है और जानकारी में आया है कि आरोपी पक्ष डॉक्टर दंपती से एक करोड़ रुपए की मांग कर रहा था व उनको धमकी दी जा रही थी लेकिन दंपती को इसकी शिकायत पुलिस में करानी चाहिए थी। इससे अपराधी को समय से पहले ही गिरफ्तार किया जा सकता था। भाजपा सांसद की भी लापरवाही है क्योंकि जब वह देर रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने जा रही है तो उनको सम्बंधित थाना प्रभारी को सूचित करना चाहिए था। हालांकि इस मामले की जांच की जा रही है और जल्दी ही

हर गवाही पर रकम देने का हुआ था सौदा, अनुज ने डेढ़ माह पहले भी गाड़ी रोककर दी थी धमकी

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भरतपुर. करीब डेढ़ साल पहले जिस प्रेमिका व उसके बेटे की मौत का कारण वह विवाद बना था, अब वही विवाद ने डॉक्टर दंपती की हत्या की वजह बन गया। हकीकत यह है कि डॉक्टर का परिवार जेल से जमानत पर आने के बाद से ही डर के साए में था, क्योंकि प्रेमिका दीपा गुर्जर के भाई अनुज गुर्जर व डॉक्टर के बीच हत्या के केस में गवाहों के बयान बदलने को लेकर बातचीत चल रही थी। इसमें गवाही की तारीख के हिसाब से रकम देना भी तय हुआ था, लेकिन दंपती की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी अनुज गुर्जर रकम खुद लेने के लिए दबाव बना रहा था। करीब डेढ़ माह पहले भी हीरादास बस स्टैंड के पास दंपती की गाड़ी रोककर उसने धमकी दी थी तो डॉक्टर ने अपने परिचित व कानूनी सलाहकारों से बात की थी। हालांकि विवाद को नहीं बढाने की बात कहते हुए समझाइश से मामला शांत करा दिया गया था। पत्रिका ने डॉक्टर दंपती मर्डर मिस्ट्री की पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया कि डॉ. सुदीप गुप्ता राजीनामा कर हत्या के केस से राहत पाना चाह रहे थे। लॉकडाउन से पहले दोनों पक्षों के बीच इसको लेकर वार्ता भी हुई थी। इसमें प्रेमिका दीपा गुर्जर की बहन व छोटा भाई अनुज गुर्जर एक मु

घटना स्थल चिह्नित, पर सांसद की गाड़ी पर हमला करने वालों का सुराग नहीं

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भरतपुर. क्षेत्रीय सांसद रंजीता कोली की गाड़ी पर गुरुवार-शुक्रवार रात हुए हमले को लेकर पुलिस के अधिकारी दूसरे दिन भी भाग-दौड़ करते नजर आए। प्रकरण को लेकर जयपुर से शनिवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दूरसंचार) सुनील दत्त अधिकारियों के साथ घटना स्थल गांव धरसोनी पहुंचे और जानकारी ली। उधर, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच भुसावर सीओ को सौंपी है। हालांकि, पुलिस की अलग-अलग टीमें इलाके दिनभर खाक छांनती रही लेकिन अज्ञात हमलावरों का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं, आला अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है जो पूरे मामले की मॉनीटरिंग करेगी। यह टीम रेंज आईजी प्रसन्न कुमार व एसपी देवेन्द्र कुमार विश्नोई की निगरानी में कार्य करेगी। इसकी वजह भाजपा की ओर से लगातार राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर रूख अपनाना बताया जा रहा है। प्रमुख चौराहे पर हथियारबंद जवान होंगे तैनात भरतपुर. राज्यमंत्री डॉ.सुभाष गर्ग एवं एडीजी सुनील दत्त ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में कानून व्यवस्था को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। इसमें कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई और संवेदनशील प्रकरणों की जानकारी लेकर आवश्य

तस्कर ले जा रहे थे ऊंटों का झुण्ड, पुलिस ने हरियाणा बॉर्डर पर रोका

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भरतपुर. सीकरी थाना पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से तस्करों के चुंगल से 33 ऊंटों को मुक्त कराया है। पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। ये ऊंटों को पैदल-पैदल हरियाणा लेकर जा रहे थे। पुलिस ने ऊंटों को गोशाला के सुपुर्द किया है। क्षेत्र के गांव निहाम के पास शुक्रवार को कच्चे रास्ते पर कुछ लोग ऊंटों को पैदल ही ले जा रहे थे। जिस पर ग्रामीणों ने मामले को संदिग्ध देखते हुए ऊंटों की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने नाकाबंदी कर पैदल ले जा रहे 33 ऊंटों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। पुलिस ने मामले में आरोपी अखिलेश पुत्र रामसिंह रैवारी निवासी राजपुर थाना टहला जिला अलवर व आदिल पुत्र जाकिर मेव निवासी घाटा थाना फिरोजपुर जिला नूंह मेवात हरियाणा को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी पूरन चन्द ने बताया कि ग्रामीणों से सूचना मिली कि कुछ लोग ऊंटों के एक झुंड को हरियाणा की तरफ ले जा रहे हैं। जिसपर पुलिस ने नाकाबंदी की और ऊंटों को रास्ते में रुकवाया और पूछताछ की। मामला संदिग्ध होने पर दो जनों को गिरफ्तार कर 33 ऊंटों को शहीदन मोड पुलिस चौकी पर रखा गया। मामले में गांव निहाम निवासी मनोज कुमार ने पुलिस में मामला

प्रेमिका के मर्डर केस में एक करोड़ में राजीनामा का था दबाव, बात बिगडऩे पर भाई ने ही की हत्या

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भरतपुर. मृतक डॉ. सुदीप गुप्ता की प्रेमिका दीपा व उसके बेटे शौर्य की हत्या के केस में राजीनामा की बात चल रही थी, बताते हैं कि डॉक्टर व संबंधित परिवार के बीच 50 लाख रुपए में समझौत की बात सामने आई थी, हालांकि मृतका का परिवार एक करोड़ रुपए की डिमांड कर रहा था। कुछ दिन पहले ही बात बिगडऩे पर धमकी देने की भी बात कही गई थी। हालांकि इस मामले में शिकायत नहीं दी गई थी। सूत्रों की मानें तो प्रेमिका के परिजन डॉ. सुदीप से एक करोड़ रुपए की डिमांड कर रहे थे, लेकिन डॉ.सुदीप की ओर से प्रकरण के निपटारे के लिए 50 लाख रुपए का ऑफर दिया गया था, लेकिन दोनों पक्षों में बात नहीं बनी। वारदात को लेकर यह भी एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है। शहर में चिकित्सक दंपती की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान कर ली है। फुटेज में हमलवारों की पहचान मृतक डॉ. सुदीप की मृतक प्रेमिका का भाई अनुज व उसका धौलपुर निवासी दोस्त महेश के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन सुराग नहीं लगा। एसपी देवेन्द्र कुमार ने बताया कि हमलावरों की पहचान हो ग

अवैध रिश्ता ही बन गया मौत का कारण...अभी तक नहीं लगा सुराग

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भरतपुर. शहर के नीम द गेट इलाके में श्रीराम हॉस्पिटल के मालिक डॉ. सुदीप गुप्ता व पत्नी डॉ. सीमा गुप्ता की शुक्रवार शाम करीब पांच बजे गाड़ी रोककर बाइक पर आए बदमाश ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों पर पिस्टल से पांच राउंड फायर करने के बाद बदमाश ने हवा में दो फायर किए। घटना के बाद बाइक सवार दोनों बदमाश चौराहों पर नाकाबंदी के बाद भी भागने में सफल हो गए। पुलिस ने गोली मारने वाले बदमाश की पहचान नीम द गेट निवासी अनुज गुर्जर व धौलपुर निवासी महेश कसाना के रूप में की है। सात नवंबर 2019 को मृतक डॉ. सुदीप गुप्ता के सूर्या सिटी स्थित मकान में जिस प्रेमिका दीपा व उसके आठ वर्षीय बेटे शौर्य की जलने से मौत हुई थी, मुख्य आरोपी अनुज उसी मृतका का सगा भाई है। प्रेमिका की हत्या केस में मृतक डॉक्टर दंपती व उनकी मां जेल में थे, जो कि कुछ माह पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। बताते हैं कि मृतका दीपा गुर्जर के पति से अलगाव के बाद वह भरतपुर आ गई थी। करीब चार पांच साल पहले 2015-16 में दीपा ने यहां डॉक्टर सीमा गुप्ता की ओर से संचालित श्रीराम हॉस्पिटल में बतौर रिसेप्शिनिस्ट नौकरी करना शुरू कर दिया। इसी दौरान डॉ. सीमा के

राज्यमंत्री: संक्रमितों के इलाज के लिए भरतपुर की राज्यस्तर पर सराहना

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भरतपुर. गृह रक्षा व नागरिक सुरक्षा एवं कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में कहा कि कोविड संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए भरतपुर की चिकित्सा व्यवस्थाओं की राज्यस्तर पर सराहना हुई है, लेकिन जब पत्रिका ने इस बयान के सियासी मायने निकालते हुए आमजन से बात की तो उन्होंने कहा कि निजी हॉस्पिटल को पीएम केयर्स फंड से आवंटित वेंटीलेटर दिए गए, जहां मरीजों से मनमाना चार्ज वसूला गया और इस प्रकरण से देशभर में भरतपुर की बदनामी हुई, लेकिन अभी तक कोई भी मंत्री या अफसर इस प्रकरण में नहीं बोला। बल्कि गल्ती मानते हुए खानापूर्ति कर एक लाख 62 हजार रुपए वसूली अवश्य की गई। ऐसे में इस बयान को भी इस प्रकरण से जोड़कर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एकमात्र राजस्थान पत्रिका ने नौ मई के अंक में 'गरीबों के हक की सांसों पर रसूख का साया, शीर्षक से समाचार प्रकाशित करने के बाद इस प्रकरण को मुद्दा बनाया था। कोरोनाकाल में व्यवस्थाओं को सुधारने के साथ जिम्मा उठाने का दावा करने पर विधायक, मंत्री व अफसर भी इस मामले में अब तक बोलने से कतराते रहे हैं। हालांकि अब यह

बीमारी को हल्के में लिया तो पड़ जाएगी भारी

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भरतपुर. बेहतर उपचार और सकारात्मक विचारों से हम कोरोना को हराने में कामयाब हो सकते हैं। बीमारी को यदि हल्के में लिया तो वह हम पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में जरा भी लक्षण लगें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार शुरू कर दें। इसमें देरी करना बहुत दुखदाई हो सकता है। यह कहना है आरबीएम के एमडी मेडिसिन डॉ. सुरेश पाल का। डॉ. सुरेश पाल ने खुद को सकारात्मक रखते हुए कोरोना से जंग जीती है। कोरोना की पहली लहर की शुरुआत से ही डॉ. पाल पोस्ट कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। लगातार 13 माह तक मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक संक्रमित हो गए। बुखार एवं सांस में तकलीफ महसूस होने पर उन्होंने जांच कराई तो यह पॉजिटिव आई। यह क्षण तनाव भरा था, लेकिन उन्होंने खुद खुद को संयमित करते हुए उपचार शुरू कर दिया और पांच दिन तक आरबीएम के डे-केयर में भर्ती रहे। डॉ. पाल कहते हैं कि मैंने बीमारी के दरिम्यान खुद को बेहद सकारात्मक रखा। साथ ही नियमित रूप से पूर्ण दवाओं का सेवन किया। चिकित्सक कहते हैं कि दवाओं के साथ मुख्य चीज खुद को सकारात्मक रखना है। यदि हम खुद को सहज और सकारात्मक नहीं रखेंगे तो बीमारी हावी होगी। ऐसे में इसक

सांसद की गाड़ी पर हमला करने वालों का नहीं लगा सुराग, पुलिस ने खंगाले सीसीटीवी फुटेज

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भरतपुर. यहां हन्तरा-वैर वाया धरसौनी सड़क मार्ग स्थित गांव धरसौनी-आजादपुरा मोड के मध्य गुरुवार-शुक्रवार रात अज्ञात जनों ने भरतपुर लोकसभा संासद रंजीता कोली की गाड़ी पर हमला कर दिया। बदमाशों ने गाड़ी पर पत्थर फेंके और सरिया से हमला किया। जिसमें शीशा टूट गया। अचानक हमला देख सांसद घबरा कर बेहोश हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे और सांसद कोली को जिला अस्पताल लेकर आए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी। उधर, शुक्रवार को जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता व पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने घटना स्थल की जानकारी ली। वहीं, वारदात को लेकर सांसद के निजी सहायक दीपक कुमार निवासी ईस्ट किदवई नगर नई दिल्ली ने हलैना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। वहीं, अभी तक हमलवारों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। मामले में पुलिस की कुछ टीम जांच में जुटी हुई हैं। थाना प्रभारी विजयसिंह ने बताया कि देर रात गांव धरसौनी निवासी शेरसिंह डागुर ने सूचना दी कि धरसौनी-आजादपुरा मोड के मध्य अज्ञात बदमाशों ने सांसद रंजीता कोली पर हमला कर दिया। जिस पर वह मय जाब्ते गांव घरसौनी पहुंचे। मौके पर सांसद क

ब्लेक फंगस से सुरक्षित रखेगी स्वच्छता

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भरतपुर. कोरोना के कमजोर होने के बाद अब जिले में ब्लेक फंगस लोगों में दहशत का कारण बन रहा है। कोविड-19 वायरस व विभिन्न माइक्रोब्स मुख व नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करते हुए साइनुस, लंग्स व ब्रेन तक पहुंच जाते हैं। ब्लेक फंगस (माइक्रोमायसिस) नामक घातक बीमारी कोविड-19 से रिकवरी के बाद सामने आ रही है। इसके मुख्य कारणों में जिन मरीजों का सुगर लेवल बढ़ा हुआ होता है, इलाज के दौरान स्टेरॉइड का अधिक इस्तेमाल, लम्बे समय तक ऑक्सीजन थेरेपी पर रहने, शरीर की कमजोर इम्युनिटी एवं मुख की अच्छी देखरेख नहीं होना सामने आ रहा है। ब्लेक फंगस लंग्स, आंख, दिमाग, दांतों पर घातक असर दिखा रही है। यह नजर आ रहे लक्षण -आंखें ब्लेक होना, नाक बंद होने के साथ, नाक से खून व काला स्त्राव आना - मुंह में सूजन व दर्द होना - जीभ, तालू व मुख के अन्दर की त्वचा का काला पडऩा। - दांतों का हिलना, जबड़े में सुन्नपन व मसूड़ों में सूजन व दर्द होना। - तेज सिरदर्द, बुखार व आंखों की रोशनी कम होना। यह बोले एक्सपर्ट -रामकटोरी नेत्र चिकित्सालय की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभा फौजदार बताती हैं कि कोविड-19 वाले मरीज की इम्युनिटी ख

आरबीएम की उखड़ती सांसों को मिला सुकून

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भरतपुर. कोरोना काल में मरीजों के बोझ तेल दबकर आरबीएम की उखड़ती सांसों को भी अब मरीजों के कम होने से सुकून मिला है। भर्ती मरीजों की संख्या में आई गिरावट के चलते अब व्यवस्थाएं पटरी पर लौट रही हैं। वहीं ऑक्सीजन की खपत में कमी आने से अस्पताल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन को भी खासी राहत मिली है। संक्रमितों की संख्या में कमी आने से अस्पताल में मरीजों बोझ कम हुआ है। ऐसे में करीब 15 दिन पहले बौनी नजर आ रही व्यवस्थाएं अब बेहतर सी हो रही हैं। खास तौर से बेड और ऑक्सीजन की किल्लत अब नहीं रही है। नए मरीजों को जहां आसानी से बेड उपलब्ध हो रहे हैं। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडरों का उपयोग भी कम हुआ है। ऐसे में लोगों के साथ अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली है। नए भर्ती मरीजों की संख्या 15 मई 57 16 मई 44 17 मई 40 18 मई 39 19 मई 23 20 मई 28 21 मई 31 22 मई 26 23 मई 19 24 मई 17 25 मई 19 26 मई 19 आरबीएम में भर्ती हुए मरीज 15 मई 269 16 मई 277 17 मई 264 18 मई 250 19 मई 214 20 मई 213 21 मई 209 22 मई 183 23 मई 181 24 मई 149 25 मई 146 26 मई 129 उपयोग में आ रहे सिलेंडरों की संख्या 15 मई 591

आरोपों से घिरी सरकार ने बनाई कमेटी, मांगने पर मिली समय की मोहलत

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भरतपुर. गरीबों के हक की सांसों को निजी हॉस्पिटल को किराये पर देने के मामले में अब राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। जिंदल हॉस्पिटल को सरकारी वेंटीलेटर देने के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश की गई जनहित याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई में राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता एमएस सिंघवी की ओर से प्रार्थी विजय कुमार गोयल के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल एवं हिना गर्ग की ओर से प्रस्तुत किए गए शपथ पत्र की गंभीरता पर संज्ञान लेते हुए जवाब पेश करने के लिए समय चाहा। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता खंडेलवाल एवं गर्ग की ओर से प्रस्तुत किया गया कि पूरा मामला अति गंभीर है और आम आदमी के जन कल्याण से जुड़ा है। साथ ही कोविड आपदा से संबंधित है। ऐसे में इसका निस्तारण शीघ्र किया जाए। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए समय दिया जाकर याचिका को जुलाई के पहले हफ्ते में सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता सिंघवी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राज्य सरकार की ओर से एक कमेटी भी गठित की गई है। विजय कुमार गोयल के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट के समक्ष पेश किए गए शपथ प

रिपोर्ट नेगेटिव करने को पॉजिटिव होना जरूरी

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भरतपुर. कोरोना से संक्रमित होने के बाद यदि रिपोर्ट नेगेटिव लानी है तो पॉजिटिव (सकारात्मक) रहना बेहद जरूरी है। यह कोरोना को हराने की सबसे अचूक दवा है। दवाओं के सेवन के साथ मन को मजबूत करने से ही कोरोना को काबू में किया जा सकता है। यह कहना है मनोनीत पार्षद रघुवीर ठाकुर का, जो कोरोना को हराकर अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। पार्षद रघुवीर ठाकुर बताते हैं कि कोरोना संक्रमित भाई की तीमारदारी में वह खुद 23 अप्रेल को कोरोना से संक्रमित हो गए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर थोड़ा डर लगा, लेकिन अगले ही पल कोरोना पर जीत हासिल करने की ठान ली और हिम्मत से मन को मजबूत कर होम आइसोलेट कर लिया। ठाकुर का कहना है कि इसके बाद डॉ. प्रभुत्व गोयल से फोन पर परामर्श कर उनके निर्देशानुसार इलाज शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि बीमारी से उबरने के लिए दवाओं के साथ मन को मजबूती देने के लिए योग-प्राणायाम का सहारा लिया। बचपन में स्कूल में सिखाई गई पीटी भी इसमें खूब काम आई। उन्होंने बताया कि पॉजिटिव होनेे के बाद मुंह का स्वाद चला गया, लेकिन मैंने खाना नहीं छोड़ा और सुपाच्य भोजन लेता रहा। इस संकट काल से निकलने में मेरी सकारत्मक

कोरोना ने तोड़ी रोडवेज की कमर

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भरतपुर. पिछले साल से ही कोरोना का दंश झेल रही रोडवेज की इस बार के लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है। अब रोडवेज बसों का संचालन 10 मई से पूर्णतया बंद है। ऐसे में जिले की भरतपुर एवं लोहागढ़ डिपो खासा नुकसान झेल रहे हैं। इससे पहले भी संक्रमण के दौर में आधी-अधूरी चली बसों से रोडवेज का चक्का घाटे में ही घूमा था। अप्रेल माह से पहले रोडवेज ने कुछ रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन अप्रेल माह में तेजी से फैले संक्रमण के कारण यात्री भार आधा ही रह गया। आलम यह था कि उस समय बसों में आधे ही यात्री सफर कर रहे थे। ऐसे में रोडवेज प्रबंधन ने बसों की संख्या भी आधी कर दी थी। अप्रेल माह में अटक-अटक कर घूमे चक्कों के बाद मई माह में यह पूरी तरह थम गया। अब 10 मई से बसें डिपो में ही खड़ी हैं। इसके चलते रोडवेज का प्रतिदिन बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। लोहागढ़ की 64 बसें बंद लोहागढ़ डिपो में कुल 64 बसें हैं, जो 10 मई से डिपो में ही खड़ी हैं। संक्रमण के दौर के बीच यात्री नहीं मिलने के कारण रोडवज प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश पर बसों का संचालन बंद कर दिया है। सीजन की बात करें तो लोहागढ़ डिपो की आमदनी प्रतिदिन की 10 से 12 लाख

सांसद ने उठाए नमूनों पर सवाल

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भरतपुर. सांसद रंजीता कोली ने जिले में नमूनों पर सवाल खड़े करते हुए हुए संसदीय क्षेत्र में आरटीपीसीआर टेस्टों की संख्या बढ़ाने की बात कही है। इसके लिए सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। सांसद ने पत्र में कहा है कि संसदीय क्षेत्र में पिछले कुछ दिन से सीएचसी एवं पीएचसी सेंटरों पर आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या कम कर दी गई है। इससे जिले में कोरोना महामारी के आंकड़ों का सही अनुमान नहीं हो रहा है। सांसद कोली ने कहा कि जिले सीएचसी एवं पीएचसी सेंटरों पर निरीक्षण करने पर रिकॉर्ड के अनुसार पता चला कि जब भी क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़े हैं तभी आरटीपीसीआर की संख्या कम कर दी गई। संख्या कम करने से कोरोना के सही आंकड़ों का पता नहीं चल रहा है। पिछले कुछ दिनों से जिले में इस महामारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। सांसद ने कहा है कि जिले में पॉजिटिव केसों को छिपाया नहीं जाए। उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्टों की संख्या कम से कम पांच हजार प्रतिदिन कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सीएचसी एवं पीएचसी सेंटरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी आरटीपीसीआर टेस्टों के लिए शिविर लगाए जा

मनमानी पर उतरी कंपनियां, काम में देरी पर भी अफसरों ने साधी चुप्पी

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भरतपुर. चम्बल के पानी के बीच घुसी सियासत का तोड़ किसी के पास नजर नहीं आ रहा। पीएचईडी अफसर खानापूर्ति को पैनल्टी तो लगा देते हैं, लेकिन मेहरबानी के चलते यह फिर से कंपनियों के खाते में आ जाता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से लगातार इस मामले को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। आलम यह है कि कंपनियों की करतूत बैठकों तक ही गूंज कर रह जाती हैं। धरातल पर अफसर भी इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने से कतराते नजर आ रहे हैं। अधिकारी चाहे लाख दावे करें, लेकिन दावों के पीछे हकीकत किसी से छिपी नहीं है। भरतपुर, कुम्हेर एवं रूपवास ब्लॉक के गांवों का कार्य लंबे समय से बंद है। खुद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की ओर से पिछले दिनों हुई वीसी में जिला कलक्टर को निर्देश दिए गए थे कि जीआर इंफ्रा अगर काम नहीं करना चाहती है तो उसके खिलाफ नोटिस देकर कार्रवाई की जाए। हालांकि अभी तक जिला कलक्टर के स्तर पर कोई कदम उठाने की बात सामने नहीं आई है। हकीकत यह है कि यह काम प्रतिभा लिमिटेड कर रही थी, उसने यह यह काम सबलेट कर दिया। चम्बल परियोजना का काम लेने वाली एक भी मुख्य कंपनी इस परियोजना में काम करती नजर नहीं आ रही ह

ओपीडी में हुए संक्रमित, बुलंद हौसलों से हराया कोरोना

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भरतपुर . कोरोना का काम तमाम करने को दवाओं के साथ हौसला बहुत जरूरी है। बीमारी से ज्यादा कोरोना का खौफ लोगों को तकलीफ दे रहा है, लेकिन इसे हम अपने मजबूत इरादों के जरिए हरा सकते हैं। यह कहना है जनाना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पंकज शर्मा का। डॉ. शर्मा हाल ही में जनाना अस्पताल में बच्चों का उपचार करते हुए संक्रमित हुए हैं, जो अब मजबूत इरादों के बल पर कोरोना को हरा चुके हैं। जनाना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मा ने बताया कि 13-14 मई को अस्वस्थता लगने पर जांच कराई। 15 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में तुरंत परिजनों से दूर खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया और दवाओं का सेवन शुरू कर दिया। इसका फायदा यह हुआ कि अन्य परिजन संक्रमित नहीं हो सके। चिकित्सकीय गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करते हुए बेहतर खान-पान के साथ नियमित रूप से दवाओं का सेवन किया। इस दौरान खुद को अंदर से मजबूत रखा। डॉ. शर्मा कहते हैं कि बीमारी डर मन पर हावी नहीं होना चाहिए। यदि हम मन से बीमार होते हैं तो बीमारी हमें ज्यादा तकलीफ देने के साथ खूब नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में बीमारी को केवल तन तक सीमित रखें। उसे मन तक नहीं

कोरोना...डॉक्टर की फिसली जुबां तो खड़ा हुआ बबाल!

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भरतपुर. कोरोना का कहर अब फर्राटे से फुर्र हो रहा है। आंकड़े इसके गवाह बन रहे हैं। कोरोना का खात्मा आंकड़ों की उलझन है या कुछ और। इस पर एक चिकित्सक के बोल ने बहस बढ़ा दी है। सांसद रंजीता कोली के सोमवार को नदबई सीएचसी के निरीक्षण के दौरान एक चिकित्सक के बोल ने सच को संशय में डाल दिया। इस संशय के बीच कोरोना से मौत के आंकड़ों में जरूर सच दबता नजर आता है। विभागीय आंकड़ों में मौत का आंकड़ा कम दर्शाया जा रहा है, जबकि यह संख्या इससे कहीं अधिक है। सांसद रंजीता कोली ने सोमवार को निरीक्षण के दौरान सीएचसी पर मौजूद चिकित्सक से नमूनों को लेकर सवाल किया तो चिकित्सक ने यह कहकर चौंका दिया कि राज्य सरकार की ओर से आंकड़े बढ़ाने-घटाने के निर्देश हैं। चिकित्सक के बोल थे कि अभी फिर से इन्हें बढ़ाने को कहा गया है। चिकित्सक का कहना था कि सरकार की ओर से सही केस बताने को मना किया है। जब केस ज्यादा आते हैं तो उन्हें कम करने को कहा जाता है और कम आते हैं तो ज्यादा के लिए बोल दिया जाता है। इस पर सांसद कोली ने कहा कि टेस्टिंग कम करो, ज्यादा करो यह क्या है। यह जनता के खिलवाड़ है। राज्य सरकार की यह बाल बिल्कुल गलत

कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस की जांचों की दर निर्धारित

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भरतपुर. राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 एवं न्यूकरमाईकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित करने एवं रोकथाम के लिए संबंधित जांचों की दरें निर्धारित कर दी गई हैं। उल्लेखनी है कि राजस्थान पत्रिका की ओर से पिछले करीब 10 दिन से निजी हॉस्पिटल व निजी लैब सेंटरों की ओर से मनमानी रेट पर जांच करने का मुद्दा उठाया जा रहा है। ऐसे में यह मामला राज्य सरकार तक भी पहुंच गया था। जिला कलक्टर ने बताया कि राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 4 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संबंधित जांचों की दरें निर्धारित कर दी हैं। इसके तहत एनटी कोविड एन्टी बॉडी टोटल 900 रुपए, एनटी कोविड एक ग्राम जीएबी एवं एनटी कोविड एक ग्राम एमएबी 525-525 रुपए, ब्लैड गैस (एबीजी) विद इलेक्ट्रोलाइट 500 रुपए, ब्लड ग्रुप एबीओ एण्ड आरएच ग्रुपिंग 50 रुपए, ब्लड शुगर (एफ), ब्लड शुगर (आर), ब्लड शुगर (2 एचआर) एवं ब्लड शुगर (पीजी) 110-110 रुपए, बीयूएन 75 रुपए, सीआरपी क्वानटेटिव 200 रुपए, सीबीसी 175 रुपए, क्रिटिनिन 75 रुपए, डी-डिमर 500 रुपए, इलेक्ट्रोलाइट्स 50 र

स्वाद गया तो पांच मिनट में ले ली पहली खुराक

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भरतपुर. कोरोना बीमारी से ज्यादा उसका खौफ खतरनाक है, जो लोगों को तनाव दे रहा है। कोरोना से ज्यादा तनाव घातक हो रहा है। ऐसे में पॉजिटिव आने पर भी मनोबल को नहीं गिरने दें। मानसिक रूप से मजबूत होकर हम इस बीमारी को हरा सकते हैं। मैंने भी उपचार के साथ हौसलों को बनाए रखा। हिम्मत की बदौलत ही तीन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी कोरोना को हरा दिया। यह कहना है सैटेलाइट हॉस्पिटल में तैनात डॉ. गौरव कपूर का। डॉ. कपूर बताते हैं कि मुझे अस्वस्था महसूस हुई और मुंह का स्वाद चला गया। इस पर मैंने तुरंत पांच मिनट में ही पहली खुराक ले ली। इसके बाद 12 एवं 16 मई को भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन मैंने नियमित रूप से दवा का सेवन किया। इसके बाद मेरी 20 मई को रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। डॉ. कपूर कहते हैं कि लक्षणों को कतई नजरअंदाज नहीं करें। थोड़ी से भी लक्षण नजर आने पर चिकित्सक से संपर्क करें। वह कहते हैं कि यदि हम खुद ही दवा ले लेते हैं तो यह बीमारी उस समय दब जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद प्रचंड रूप में सामने आती है, इसका काफी नुकसान उठाना पड़ता है। डॉ. कपूर ने बताया कि कोरोना होने पर तुरंत उपचार शुरू कर दें और घर में

जनाना के ढाई सौ बेड होंगे ऑक्सीजन सपोर्टेड

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भरतपुर. जिले में दूसरी लहर का कोरोना थम सा गया है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका लोगों को डरा रही है। नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर हर कोई चिंतित नजर आ रहा है। जनाना अस्पताल ने भी इसको लेकर तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। जनाना में अब ढाई सौ बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड होंगे। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। वहीं बच्चों को सुरक्षित करने के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी लग रहा है। सोमवार को इसके लिए जगह चिह्नित कर ली गई। जिले में कोरोना की दूसरी लहर कई जिंदगियों को लील गई। वहीं संक्रमितों की संख्या ने भी विभाग की सांसें फुला दीं। अब तीसरी लहर की आशंका के बीच विभाग मुस्तैद नजर आ रहा है। वर्तमान की बात करें तो जनाना अस्पताल में बच्चों के लिए करीब 85 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। इनकी संख्या अब बढ़ाकर करीब ढाई सौ की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का प्रयास है कि हर बेड पर अब ऑक्सीजन होगी। वजह, कोरोना जैसी बीमारी में सबसे ज्यादा जरूरी ऑक्सीजन होती है। ऐसे में इसकी पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा उपचार के लिए वेंटीलेटर की भी डिमांड अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई है। 75 सिलेंडर का लग रहा

ब्लेक फंगस: अब लक्षण वाले मरीज की बनेगी हिस्ट्री

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भरतपुर. जिले में ब्लेक फंगस के मरीजों की दस्तक के बाद जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है। सोमवार को जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने आरबीएम पहुंचकर ब्लेक फंगस संबंधी व्यवस्थाओं को जांचकर आवश्यक दिश-निर्देश दिए। जिला कलक्टर गुप्ता ने ब्लेक फंगस के आने वाले मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड का मुआयना किया। साथ ही नाक, कान, गला, दंत रोग एवं नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ पीएमओ एवं अन्य चिकित्सकों से इलाज को लेकर मंथन किया। बैठक में तय किया गया कि पहले मरीज ओल्ड ट्रोमा में आएगा। इस दौरान यहां ड्यूटी करने वाले चिकित्सक उसकी जांच कर निर्धारित फॉर्मेट को भरेगा। ब्लेक फंगस संबंधी लक्षण वाले मरीज को वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा। इसके बाद ईएनटी, डेंटल एवं आई स्पेशलिस्ट को कॉल पर बुलाकर मरीज को दिखाया जाएगा। जांच के दौरान मरीज जिस किसी भी बीमारी से पीडि़ता होगा। संबंधित चिकित्सक उसका इलाज करेगा। आखिर कौन देगा पैसा जिला कलक्टर की ओर से सोमवार को निजी अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में कोविड-19 एवं ब्लेक फंगस से संबंधित जांचों की दरें निर्धारित कर दी हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि

हौसला बड़ा रखें, बीमारी खुद छोटी हो जाएगी

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भरतपुर. कोरोना का खौफ बड़ा है। ऐसे में हमें अपने हौसलों से इसे छोटा करना है। यदि हम मानसिक रूप से मजबूत होकर इस जंग को लड़ेंगे तो बीमारी खुद-ब-खुद छोटी हो जाएगी। सकारात्मकता इसमें सबसे बड़ा हथियार है। इसके जरिए हम हारी हुई बाजी को भी जीत सकते हैं। यह कहना है कोरोना को मात देने वाले हेमराज सिंह अजान का। शहर के शिवनगर निवासी हेमराज बताते हैं कि सात मई को खांसी-जुकाम की शिकायत हुई। इसके बाद आठ को नमूना दिया, जो नौ मई को पॉजिटिव आया। यह सुकून को छीनने वाला था, लेकिन हिम्मत और हौसलों के साथ इस चुनौती को पार करने की ठान ली थी। इसके बाद घर में ही आइसोलेट होकर दवाओं का सेवन शुरू कर दिया। सिंह बताते हैं कि 11-12 मई तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 12 से 17 मई के बीच बीमारी पूरी तरीके से हावी हो गई। एक बार तो नौबत भर्ती होने की आ गई, लेकिन साथीगण एवं परिजन हौसला बढ़ाते रहे। इस बीच मित्र राजेश मित्तल एडवोकेट ने काफी हौसला अफजाई की। इस बीच फोन के जरिए सभी सकारात्मक लोगों के सम्पर्क में रहा। वह मुझे हौसला देते रहे। इसका नतीजा यह रहा कि अब मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं। सिंह कहते हैं कि बीमारी तन को अस

सेवा का जुनून: 87 की उम्र भी नहीं डिगा पाती इरादे

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भरतपुर. कोरोना काल में जिंदगी बचाने का जुनून यूं तो हर चिकित्सक पर सवार है, लेकिन जब दूसरे चिकित्सक खुद को महफूज रखने के लिए मरीजों से दूरी बना रहे हैं। वहीं एक ऐसा नाम भी है, जो मरीजों से आत्मीयता से मिलकर उनकी पीड़ा हर रहे हैं। यह सेवा का जज्बा ही है कि 87 साल की उम्र में भी वह गजब का आत्मविश्वास लिए पूरी तन्मयता से मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉ. शंकरदयाल शर्मा की। कोरोना सभी को डरा रहा है। खास तौर से बुजुर्गों के लिए यह बड़ा खतरा माना जा रहा है, लेकिन डॉ. शर्मा इस उम्र में भी अपना ख्याल रखते हुए दूसरों की सेवा में जुटे हैं। डॉ. शर्मा शहर के गंगा मंदिर के पास क्लीनिक चलाते हैं। नाक, कान, गला सहित अन्य बीमारियों की ओपीडी कोरोना के खौफ के चलते बंद हो गईं। ऐसे में डॉ. शर्मा ने ऐसे मरीजों की सेवा का बीड़ा उठाया। डॉ. शर्मा कहते हैं कि यदि कान में तकलीफ है तो अन्य चिकित्सक दूरी बनाकर उसे केवल उपचार दे रहे हैं। इससे उन्हें यह भी ज्ञात नहीं हो पा रहा कि उनके आखिर दिक्कत क्या है। यही वजह है कि मरीजों को तुरंत राहत नहीं मिल पा रही। इसको लेकर डॉ. शर

राजस्थान में प्रवेश करने के लिए आगरा बॉर्डर पर सिपाही ने मांगे 500 रुपए

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भरतपुर. आगरा से राजस्थान सीमा में प्रवेश कर रहे एक नगर निगम के पार्षद ने ऊंचा नगला बॉर्डर पर पुलिस की कारगुजारी का सोशल मीडिया पर लाइव कर दिया। इसमें राजस्थान सीमा में बिना जांच के प्रवेश देने के लिए सिपाही 500 रुपए मांग रहा है। जिस पर पार्षद ने 100 रुपए देने की बात कही तो सिपाही ने गाड़ी को साइड में लगाने के लिए कहा। जिस पर पार्षद संजय शुक्ला ने बाद में 300 रुपए के लिए कहा, लेकिन सिपाही उसी पर अड़ा रहा। इसके बाद पार्षद ने गाड़ी में से दूसरे सिपाही को आवाज देकर अपना परिचय दिया और उनके मास्क उतारने पर सिपाही सकपका गया। पार्षद ने सिपाही से कहा कि बस इतने में ही मांगे जिस पर सिपाही ने कहा कि क्या कह रहे हो। इसके बाद पार्षद भरतपुर शहर की तरफ निकल गए। साथ ही उन्होंने कहा कि एसपी साहब देख लो आपकी पुलिस बॉर्डर पर किस तरह की नाकाबंदी कर रही है। पार्षद की गाड़ी को जब सिपाही ने रोका तो उन्होंने जोधपुर में एक बीमार व्यक्ति के पास जाना बताया। सिपाही ने कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मांगी तो पार्षद ने नहीं होना बताया। गुजारिश करने पर सिपाही ने कहा कि 500 रुपए दे दो और चुपचाप निकल जाओ। इस घटना का उन्होंने अ

दवा, दुआ और योग से जीती जंग

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भरतपुर. बीमारी से ज्यादा कष्ट लोगों को डर दे रहा है। कोरोना को हराने के लिए जरूरी है कि मन को हमेशा मजबूत रखें और किसी प्रकार का डर हावी नहीं होने दें। दवा, दुआ और योग के जरिए मैंने जल्दी ही कोरोना को हरा दिया। यह सही है कि मन के हारे हार और मन के जीते जीत। मन में ठान लें तो कोरोना जरूर हारेगा। यह कहना है कोरोना को हराने वाले दिनेश अग्रवाल (54) निवासी कृष्णा नगर का। अग्रवाल बताते हैं कि अप्रेल माह में तबीयत खराब हुई तो पहले प्राथमिक उपचार लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। कोरोना के लक्षण महसूस होने पर मैंने नौ मई को जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह इस माहौल में सदमे सरीखा था, लेकिन मैं अगले ही पल संभल गया और तय कर लिया कि कोरोना को हराना है। इसके बाद होम आइसोलेट रहकर अन्य परिजनों को सुरक्षित किया। साथ ही चिकित्सक को दिखाकर नियमित रूप से दवाओं से सेवन किया। साथ ही गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करते हुए खान-पान का विशेष ध्यान रखा। इस बीच योग-प्राणायाम का भी सहारा लिया। इसका नतीजा यह रहा कि मैं बहुत जल्दी स्वस्थ हुआ। अग्रवाल कहते हैं कि परिजनों के साथ मिलने-जुलने वालों ने भी हौसला बढ़ाय

निजी बस चालकों की गुहार, टैक्स माफ कर दो सरकार

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भरतपुर. कोरोना काल में पटरी से उतरे निजी बसों के चक्करों के चलते चरमराए आर्थिक ढांचे को मजबूती देने के लिए लोक परिवहन संचालकों ने सीएम को पत्र लिखकर तीन साल का टैक्स माफ करने के साथ आर्थिक पैकेज के जरिए राहत देने की मांग की है। लोक परिवहन संचालकों ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से अब तक कोरोना संक्रमण महामारी के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में वायुयान एवं एरेल यान के साथ हमारी स्टेज कैरिज की यात्री बसें पूर्ण रूप से प्रभावित हुई हैं। यात्री भार के अभाव में गत वर्ष से अब तक हमारी बसें खड़ी हुई हैं। कुछ बसें ही चल पाई हैं, वह भी घाटे में रही हैं। मार्ग पर यात्री नहीं है। राज्य में शादी, बारात, बुकिंग पार्टी, पर्यटक, स्कूल-कॉलेज, फैक्ट्री, संस्थान एवं अस्पताल आदि कार्य के लिए आने-जाने वाले यात्रियों का भारी अभाव रहा है। परिवहन विभाग का टैक्स भी कर्जा करके जमा कराया है। इंश्योरेंस का रुपया भी बर्बाद हुआ है। बस मालिकों पर टैक्स, इंश्योरेंस, टायर मेंटेनेंस, चालक-परिचालकों की तनख्वाह आदि का कर्ज चढ़ चुका है। अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। भविष्य में भी अभी कोई संभाव

जज्बे से जंग जीत रहा भरतपुर

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भरतपुर. जज्बा। सतर्कता और सावधानी से अब भरतपुर कोरोना से जंग जीतने की ओर है। यह संकेत पिछले दस दिन में घटे केसों से मिल रहे हैं। रिकवरी रेट ने भी खूब राहत बख्शी है। ऐसे में अब जिला कोरोना को मात देने के साथ खुशियों के ट्रेक पर है, लेकिन अब गलती की गुंजाइश तनिक भी नहीं है। अब जरा सी लापरवाही जीती बाजी को हार में बदल सकती है। ऐसे में कोरोना के प्रति पूर्ण सजग रहकर गाइड लाइन की पालना करें, जिससे कोरोना अब दोबारा हावी नहीं हो। जिले में मई माह में केसों में बेतहाशा वृद्धि हुई और मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा, लेकिन पिछले पांच दिन से अब कोरोना के कदम पीछे हटे हैं। यह जिले के लिए सुखद संकेत हैं। मई माह में 10 तारीख को जहां पॉजिटिव केसों की संख्या 800 के पार थी। वह शनिवार को घटकर डेढ़ सौ से नीचे आ गई। इसके साथ ही कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सुखद बात यह है कि मौतों के आंकड़ों में ज्यादा इजाफा नहीं हो रहा है। भरतपुर संभाग की बात करें तो धौलपुर जिला आंकड़ों पर काबू पाने में पूरी तरह कामयाब हो गया है। शनिवार को धौलपुर में 22, करौली में 32 तथा सवाईमाधोपुर में 35 पॉजिटिव मिले।

वार्ड तैयार, एमआरआई पर अटका करार

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भरतपुर . जिले में ब्लेक फंगस की दस्तक के बाद आरबीएम प्रशासन चौकन्ना हो गया है। हालांकि राज्य स्तर पर सरकार की ओर से भरतपुर के अस्पताल को इलाज के लिए चिह्नित नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही भरतुपर का नाम इसमें जुड़ जाएगा। आरबीएम चिकित्सालय के थर्ड फ्लोर पर इसके लिए वार्ड बना दिया गया है। इसमें ब्लेक फंगस के रोगियों के लिए 20 बेड लगाए गए हैं। भरतपुर का उपचार करने वाले अस्पतालों में नाम शुमार नहीं होने पर शनिवार को मंत्री एवं चिकित्सा विभाग के सचिव से इसको लेकर वार्ता हुई है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही भरतपुर का नाम भी ब्लेक फंगस के रोगियों के उपचार करने वालों में शामिल होगा। राज्य स्तर पर सर्जन के नाम मांगे गए हैं। आरबीएम हॉस्पिटल में ईएनटी, आई एवं डेंटल सर्जन हैं। ऐसे में यहां रोगियों को उपचार मिल सकता है, लेकिन आरबीएम में एमआरआई की सुविधा नहीं होने से यह मामला अटक रहा है। यदि यहां उपचार की सुविधा दी गई तो किसी भी निजी अस्पताल से एमआरआई का करार करना होगा। इनका कहना है आरबीएम में 20 बेड का वार्ड बना दिया है। सर्जन भी यहां उपचार के लिए मौजूद हैं। एक-दो प्वांट पर डिस्कश कर